Digital India rural impact 2025: ग्रामीण भारत में इंटरनेट और e-Governance का प्रभाव

Digital India rural impact 2025 – “Digital India” अभियान भारत की डिजिटल क्रांति का केंद्रीय स्तंभ है, जिसका उद्देश्य है हर नागरिक, विशेष रूप से ग्रामीण भारत, तक इंटरनेट-सुविधा और डिजिटलीकरण के लाभ पहुँचाना। 2025 तक इंटरनेट यूज़र संख्या 900 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है, जिसमें ग्रामीण भारत की भूमिका अहम है। The Economic Times
लेकिन इंटरनेट पहुँचने भर से काम नहीं चलता — सरकारी सेवाएँ, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, वित्तीय समावेशन सभी डिजिटलीकरण से जुड़े हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि ग्रामीण भारत में इंटरनेट और e-Governance कैसे प्रभावित कर रहे हैं — उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और आगे की रणनीति।


1. Digital India का उद्देश्य एवं संरचना

  • Digital India पोर्टल की जानकारी के अनुसार यह कार्यक्रम ICT, e-governance प्लेटफार्म, डिजिटल भुगतान, डेटा एनालिटिक्स आदि को ज़्यादा पारदर्शी व सुगम बनाना चाहता है। Digital India
  • इसकी आधारशिला है BharatNet / Bharat Broadband Network Limited (BBNL), जो ग्राम पंचायत स्तर पर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुँचाने का काम करता है। Wikipedia
  • पिछले 10 वर्षों में इंटरनेट कनेक्शन भारत में 250 मिलियन से बढ़कर लगभग 970 मिलियन तक पहुँच गया — एक बड़ी छलांग। Swadeshi Shodh Sansthan
  • e-Governance विकास की दिशा में, सरकारी पोर्टल, डिजिटल सेवाएँ (e-gram, e-health, e-education) और मोबाइल-first डिज़ाइन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। nic.gov.in+2SSRN+2

2. ग्रामीण इंटरनेट पहुँच: प्रगति और प्रभाव

2.1 इंटरनेट उपयोग में वृद्धि

  • Kantar / IAMAI रिपोर्ट कहती है कि 2025 तक भारत की इंटरनेट यूज़र संख्या 900 मिलियन पार करने की उम्मीद है, जिसमें ग्रामीण भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। The Economic Times
  • एक अध्ययन ने दिखाया है कि ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट अपनाने की गति तेजी से बढ़ रही है, खासकर मोबाइल प्लेटफार्मों पर — ग्रामीण उपयोगकर्ता अब मोबाइल आधारित डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दे रहे हैं। SpringerOpen
  • “The digital revolution in India: bridging the gap in rural …” लेख बताता है कि ग्रामीण उपयोगकर्ताओं में महिला उपयोग की संख्या अपेक्षाकृत अधिक बढ़ी है, जिससे लैंगिक डिजिटल विभाजन कम हो रहा है। SpringerOpen

2.2 सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

  • छोटे व्यवसाय (MSMEs) अब अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे बाज़ार विस्तार संभव हो रहा है। Vision of Humanity
  • किसानों को मौसम, बाज़ार भाव, सब्सिडी जानकारी मोबाइल पर मिल रही है, जिससे मध्यस्थों पर निर्भरता कम हो रही है। Vision of Humanity+2IJFMR+2
  • सरकारी योजनाएँ जैसे Direct Benefit Transfer (DBT), LPG सब्सिडी, पेंशन आदि डिजिटल रूप से प्रदान की जा रही हैं, जिससे भ्रष्टाचार व घपलों की संभावना कम होती है। Vision of Humanity+1

2.3 Model digital villages / pilot projects

  • प्रयागराज (Allahabad) ज़िले में 23 गांवों को model digital villages बनाया जा रहा है — FTTH, ग्राम पंचायत, स्कूल, अस्पताल आदि को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने का प्रयास। The Times of India
  • BSNL ने 30,000 ग्रामीण गांवों को ‘स्वदेशी’ 4G नेटवर्क से जोड़ने का काम किया है, जो डिजिटल पहुँच को और विस्तार देगा। The Times of India
  • 400 नए BSNL टॉवर्स छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगाने का निर्णय लिया गया है, ताकि कनेक्टिविटी बढ़ सके। Indiatimes

3. e-Governance ग्रामीण भारत में: बदलाव की राह

3.1 अवधारणा और मापदंड

  • NIC ब्लॉग में बताया गया है कि rural e-Governance को मापने के कुछ आयाम हैं: ICT infrastructure, service access, digital literacy, usage behaviour आदि। nic.gov.in
  • SSRN पेपर “From Pixels to Policies” बताता है कि e-Governance हस्तक्षेपों ने सार्वजनिक सेवा वितरण, पारदर्शिता और अधिशासन में सुधार लाया है। SSRN
  • Sage पत्रिका में “E-governance evolution” अध्ययन बताता है कि भारत ने सरकारी प्रक्रिया को क्लाउड, डाटा आधारित और citizen-centric बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। SAGE Journals

3.2 सफलता की कहानियाँ और उदाहरण

  • ग्राम पंचायत स्तर पर ऑनलाइन दस्तावेज पंजीकरण, विवाह / जन्म प्रमाण पत्र, भूमि रिकॉर्ड आदि डिजिटल माध्यम से उपलब्ध करने का काम हुआ है। (An Initiative of E-Governance paper) IJFMR
  • Svamitva योजना — गांवों में ड्रोन सर्वे के माध्यम से संपत्ति रिकॉर्ड तैयार करना — यह भी एक e-Governance + डिजिटल हस्तक्षेप है। Wikipedia
  • Internet Saathi नामक कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल शिक्षण तक पहुँचाने का प्रयास किया — महिलाओं को इंटरनेट ज्ञान देना ताकि वे अपने गांवों में दूसरों को भी सिखा सकें। Wikipedia

3.3 चुनौतियाँ e-Governance अपनाने में

  • अवसंरचना की कमी: बिजली, गुणवत्ता इंटरनेट, last-mile connectivity की समस्या (rural areas)
  • डिजिटल साक्षरता की कमी — लोगों को कैसे सेवाएँ उपयोग करनी हैं, इसका ज्ञान नहीं होना
  • भाषा और स्थानीय अनुकूलन — सरकारी पोर्टल अक्सर अंग्रेजी/हिंदी मध्य स्तर की भाषा में होते हैं, स्थानीय भाषा में अनुकूलन कम होता है
  • साइबर सुरक्षा – ग्रामीण हिस्सों में डिजिटल खतरों का सामना करना पड़ेगा जैसे identity theft, phishing आदि Kyndryl
  • सेवाओं का उपयोग व्यवहार में कम होना — awareness, trust और user interface समस्या

4. चुनौतियाँ और सीमाएँ

समस्या / बाधाविवरण
इंटरनेट अवसंरचना की कमीकई ग्रामों में मोबाइल नेटवर्क कमजोर, ‘dead zones’ हैं।
last-mile connection कमीग्राम पंचायत से अंतिम घर तक कनेक्शन पहुँचाना चुनौतीपूर्ण।
डिजिटल साक्षरता और प्रशिक्षणग्रामीण उपयोगकर्ता अक्सर तकनीक का उपयोग नहीं जानते।
भाषा एवं सामग्री अनुकूलनअंग्रेजी या मुख्य भाषा में अनुकूलित UI होना आवश्यक।
समाजिक विश्वास और व्यवहारलोग डिजिटल सेवाओं पर भरोसा नहीं करते, पारंपरिक प्रक्रिया ही अपनाते हैं।
सुरक्षा और गोपनीयताग्रामीण इलाकों में साइबर सुरक्षा awareness कम है।

5. आगे की राह: रणनीति और सुझाव

  1. Infrastructure विकास
     – BharatNet को और मजबूत करना, last-mile fiber एवं wireless backhaul तक पहुंचाना।
     – Public-Private Partnership (PPP) मॉडल उपयोग करना ताकि remote गांवों में नेटवर्क लग सके।
  2. डिजिटल साक्षरता और capacity building
     – Internet Saathi जैसे मॉडल को विस्तार देना, महिलाओं व वरिष्ठ नागरिकों को सिखाना। Wikipedia
     – विद्यालयों, पंचायत केंद्रों में computer labs और training centers।
  3. सामग्री एवं UI अनुकूलन
     – स्थानीय भाषाओं में सरकारी पोर्टल, ऐप्स और सेवाएँ उपलब्ध कराना।
     – मोबाइल-first दृष्‍टिकोण अपनाना (Lightweight apps, low data usage)।
  4. विश्वास निर्माण एवं जागरूकता
     – लोकल awareness campaigns, success stories प्रचारित करना।
     – digital grievance redressal इंटरफेस सरल बनाना।
  5. सुरक्षा एवं डेटा संरक्षण
     – ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर जागरूकता अभियानों को प्राथमिकता देना।
     – सुरक्षित authentication, encryption, data privacy नीतियाँ लागू करना।
  6. निरंतर monitoring एवं feedback
     – NIC की e-Governance assessment frameworks को स्तरीय मानदंड बनाना। nic.gov.in
     – उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया लेना और सुधार करना।

6. निष्कर्ष

Digital India 2025 ग्रामीण भारत में इंटरनेट पहुँचाने और e-Governance को संस्थागत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इंटरनेट उपयोग परिदृश्य में भारी वृद्धि हुई है, गांवों में मॉडल डिजिटल पहलें शुरू हुई हैं, और सरकारी सेवाएँ अधिक पारदर्शी व सुलभ बन रही हैं।

लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बड़ी हैं — अवसंरचना, साक्षरता, भाषा, सुरक्षा सभी बाधाएँ हैं। यदि केंद्र और राज्यों ने उचित संसाधन, योजनाएँ और निगरानी सुनिश्चित की, तो ग्रामीण भारत डिजिटल परिवर्तन का लाभ उठा सकता है।

Digital India का सपना तभी साकार होगा, जब गाँवों के अंतिम निवासी को भी यह सुविधा और भरोसा प्राप्त हो।

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