Study Material NCERT Class-7 Chapter 3 राज्य शासन कैसे काम करता है | How the State Government Works

ईकाई दो – राज्य शासन कैसे काम करता है | Raajy Shaasan Kaise kaam karata hai

राज्य का शासन कैसे काम करता है? (How Does State Governance Work?)

प्रत्येक देश में सुशासन और न्यायपालिका को बनाए रखने के लिए एक विशेष व्यवस्था अपनाई जाती है, जिसे राज्य का शासन कहा जाता है। राज्य का शासन वह संरचना है जो देश में नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण करती है और समाज में विभिन्न क्षेत्रों का प्रबंध करती है। इसलिए, राज्य का शासन देश के विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण काम करता है।

राज्य का शासन दो स्तरों पर व्यवस्थित होता है – केंद्रीय शासन और राज्य शासन। केंद्रीय शासन, जिसे भारत में यूनियन गवर्नमेंट के रूप में भी जाना जाता है, देश के संपूर्ण क्षेत्र में केन्द्र अपना नियत्रंण रखता है। केंद्र सरकार का मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी अर्थात दिल्ली में स्थित है। राष्ट्रीय रक्षा, विदेशी मामले, आर्थिक नीति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, यह सब केन्द्र सरकार के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य हैं।

दूसरे स्तर पर, भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं, जिनमें राज्य सरकार व्यवस्था चलाती है। यह राज्य सरकारें अपने राज्य के विभिन्न मामलों के लिए जिम्मेदार होती हैं, जैसे कि स्थानीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, जलसंसाधन, आदि। राज्य सरकारें स्वतंत्रता के बाद से अपने क्षेत्र के विकास और प्रगति के लिए योजनाएं बनाती आ रही हैं और केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता व सहयोग प्राप्त करती हैं।

राज्य का शासन एक संरचित प्रक्रिया द्वारा काम करता है। इसमें नागरिकों के अधिकारों की संरक्षण के लिए न्यायपालिका और विधायिका का बड़ा महत्व होता है। न्यायपालिका न्यायिक शाखा के रूप में काम करती है और कानूनी मुद्दों पर फैसले करती है। विधायिका नए कानून बनाती है और संसद में विधेयकों को पारित करती है।

राज्य के विभिन्न संरचनात्मक संस्थानों द्वारा काम करने का अर्थ यह है कि राज्य का शासन विभाज्य होता है और एक सुव्यवस्थित तरीके से संचालित होता है। राज्य सरकारें नागरिकों के द्वारा चुनी जाती हैं, जिससे लोगों को अपने हितों के लिए सरकार का चयन करने का अधिकार मिलता है।

राज्य के शासन के तहत नागरिकों को न्यायपालिका द्वारा न्याय मिलता है और राज्य सरकार के द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विकास का प्रबंध किया जाता है। इस प्रकार, राज्य का शासन देश में सुशासन, समाज कल्याण, और समृद्धि को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस प्रकार, राज्य का शासन देश में सुशासन, समाज कल्याण, और समृद्धि को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सिस्टम नागरिकों को उनके अधिकारों की रक्षा करने, उनके विकास को सुनिश्चित करने और देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विधायक कौन होता है? (Who is an MLA?)

विधायक एक ऐसा महत्वपूर्ण नागरिक होता है, जिसे लोकसभा और राज्यसभा में चुना जाता है। विधायक संसद (पार्लियामेंट) में विधायिका शाखा का सदस्य होता है, जिसका मुख्य कार्य नए कानूनों बनाना और संसद में विधेयकों को पारित करना होता है। विधायक नागरिकों के प्रतिनिधि के रूप में काम करता है और उनके हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध रहता है।

विधायक का संसद में महत्वपूर्ण योगदान होता है, जिसके माध्यम से वह सरकार के नीतियों और कानूनों का मूल्यांकन करता है। विधायक राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकों के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करता है और संसद के कामकाज में भाग लेता है।

भारत में, विधायक को लोकसभा और राज्यसभा में चुना जाता है। लोकसभा राष्ट्रीय स्तर पर काम करता है और यह भारतीय संसद का निचला सदन होता है। इसमें सदस्यों की संख्या 552 होती है, जिन्हें सीटों के आधार पर चुना जाता है। लोकसभा के सदस्यों का अधिकांश भारतीय नागरिक होते हैं, जो चुनावों में वोट डालकर विधायक बनने का अवसर प्राप्त करते हैं।

राज्यसभा भारतीय संसद का उच्चतम सदन होता है और यह राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकों के प्रतिनिधित्व करता है। इसमें 245 सदस्य होते हैं, जिन्हें राज्य सरकारों द्वारा नामित किया जाता है। राज्यसभा के सदस्य चुनाव नहीं होते हैं, बल्कि वे राज्य सरकारों द्वारा नामित होते हैं, जो उनके प्रतिनिधित्व करते हैं।

विधायक नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करते हैं और सरकारी नीतियों को सुनिश्चित करने के लिए संसद में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उन्हें नागरिकों के समस्याओं के समाधान के लिए संविधान के माध्यम से नए कानून बनाने का अधिकार होता है, जिससे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार किया जा सकता है। विधायक लोगों के द्वारा चुनाव के माध्यम से उनके प्रतिनिधित्व करता है और उनके हितों की रक्षा करता है, ताकि देश का विकास और प्रगति सुनिश्चित हो सके।

शासन की कार्यप्रणाली क्या है? (What is the Functioning of Governance?)

शासन की कार्यप्रणाली एक विशेष तरीके से संरचित संगठन है, जिसका उद्देश्य एक देश या क्षेत्र के व्यवस्था और प्रशासन को सुचारु तरीके से संचालित करना होता है। शासन की कार्यप्रणाली सरकार द्वारा संचालित होती है और विभिन्न संस्थाओं और विभागों के माध्यम से काम करती है। इसका उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना, समाज के समृद्धि को सुनिश्चित करना, और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देना होता है।

शासन की कार्यप्रणाली के पांच मुख्य तत्व होते हैं (There are Five Main Elements in the Functioning of Governance)

संसद – संसद एक देश की विधायिका संस्था होती है, जिसमें नागरिकों के प्रतिनिधियों को चुनकर भेजा जाता है। संसद में दो सदन होते हैं – लोकसभा और राज्यसभा। लोकसभा लोगों द्वारा चुने जाते हैं जबकि राज्यसभा राज्य सरकारों द्वारा नामित होते हैं। संसद के सदस्यों का मुख्य कार्य नए कानूनों बनाना और संसद में विधेयकों को पारित करना होता है।

कार्यवाहक विभाग – शासन की कार्यप्रणाली में कार्यवाहक विभाग विभिन्न सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करते हैं और उन्हें प्रबंधित करते हैं। यह विभाग सरकारी नीतियों को लागू करने और संचालित करने के लिए जिम्मेदार होता है। यह विभाग विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, जलसंसाधन, आदि।

न्यायिक शाखा – न्यायिक शाखा शासन की कार्यप्रणाली का एक अहम अंग है। यह न्यायपालिका द्वारा काम करता है और न्यायिक मामलों पर फैसले करता है। न्यायिक शाखा न्यायपालिका के सदस्यों का चयन करती है और न्यायिक व्यवस्था को संचालित करती है, जो न्यायिक मामलों के समाधान में एकमति प्राप्त करती है।

प्रशासनिक शाखा – प्रशासनिक शाखा शासन के प्रशासनिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होती है। यह शासन की विभिन्न योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को प्रबंधित करती है और सरकारी नीतियों को कार्यान्वित करती है। प्रशासनिक शाखा सरकार की संचालन और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होती है।

नागरिक – शासन की कार्यप्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण तत्व नागरिक होते हैं। नागरिकों का सक्रिय सहभागी होना सरकार के सफलता और प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। नागरिकों को अपने अधिकारों के लिए जागरूक होना चाहिए और सरकारी नीतियों का मूल्यांकन करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

शासन की कार्यप्रणाली देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह संरचना नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने, समाज के समृद्धि को सुनिश्चित करने, और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने में मदद करती है। इसके माध्यम से एक संविधानिक संरचना बनाई जाती है, जो नागरिकों के अधिकारों की संरक्षण करती है और समाज के सभी वर्गों के हित में नई नीतियों का विकास करती है। शासन की कार्यप्रणाली का उद्देश्य देश को एक सामर्थ, विकसित और विकासशील राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है, जो सभी नागरिकों के लिए उच्चतम स्तर की सुविधा और उपलब्धियों को सुनिश्चित करता है।


by Sunaina

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