प्रवासी भारतीय दिवस | Bharatiya Migrant Day
“प्रवासी भारतीय दिवस” भारत में हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। यह एक विशेष दिवस है जिसे भारतीय सरकार ने उन लोगों के सम्मान में शुरू किया है, जो भारतीय सीमा के बाहर रहकर विभिन्न परिस्थितियों में अपने परिवारों का पालन-पोषण करते हैं और अपने देश के लिए अपना योगदान देते हैं।
इस दिन को मनाकर उन्हें सम्मानित किया जाता है, भारतीय नागरिकों का समृद्धि और उनके प्रयासों को पहचानने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करने के लिए। प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक कारणों से होता है, इसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में रह रहे भारतीय समुदायों के साथ जोड़ना है।
इस दिन कई कार्यक्रम और समारोहों का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारतीय नारी, पुरुष, युवा और बच्चे शामिल होते हैं। इस अवसर पर समाज में भारतीय प्रवासी समुदायों के साथ समर्पित और उन्हें समर्थन प्रदान करने का एक उत्कृष्ट तरीका है। इसके माध्यम से सरकार भी भारतीयों के विदेशी प्रवासों के योगदान की महत्वपूर्णता को मानती है और उन्हें समर्थन प्रदान करती है।
प्रवासी किसे कहते हैं? (What is Called a Migrant?)
“प्रवासी” शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो अपने निवास स्थान से दूसरे स्थान पर या देश में यात्रा करता है, या जो किसी दूसरे स्थान पर रहने जाता है। इस शब्द का उपयोग सामान्यत: विदेश यात्रा करने वाले व्यक्ति या उसे देश के बाहर रहकर अपने निवास स्थान से दूर जीने वाले व्यक्ति को के लिए किया जाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस कब से मनाया जा रहा है? (When is Pravasi Bharatiya Diwas Being Celebrated?)
प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हर साल 9 जनवरी को किया जाता है, और यह दिवस पहली बार 2003 में मनाया गया था। इसे भारत सरकार ने विदेश में रह रहे भारतीय समुदायों के सम्मान में शुरू किया था। इस दिन का चयन 9 जनवरी को किया गया है, क्योंकि इस तारीख को महात्मा गांधी ने अपने देशभक्तिपूर्ण प्रयासों के लिए पहली बार वेस्टमिन्स्टर अबले में ‘देशो को आजादी दो’ भाषण किया था।
प्रवासी भारतीय दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is Pravasi Bharatiya Diwas Celebrated?)
प्रवासी भारतीय दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय समुदायों के प्रवासी अंश को समर्पित करना है, उनके योगदान को मान्यता प्रदान करना है। यह दिवस उन प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका को सार्वजनिक मंच पर उजागर करने का एक माध्यम है।
यह दिवस समर्पित है, प्रवासियों की मेहनत, संघर्ष, और समर्पण को सकारात्मकता देने का एक मौका है।
इस दिन के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत किया जाता है और विभिन्न देशों में रह रहे भारतीय समुदायों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाता है।
भारतीय प्रवास क्यों करते हैं? (Why do Indians Migrate?)
भारतीयों के प्रवास करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे-
रोजगार की खोज – कुछ भारतीय प्रवासी विदेश जाकर अधिक उन्नत और विशेषज्ञता युक्त क्षेत्रों में रोजगार की तलाश करते हैं। विदेश में उच्च शिक्षा और करियर के अवसरों की खोज इसका महत्वपूर्ण कारण है।
आर्थिक सुधार – कुछ लोग विदेश जाकर अधिक आर्थिक सुधार और अधिक आदर्श जीवनस्तर की कड़ी मेहनत करने का सपना देखते हैं। विदेश में कुशलता और मेहनत के परिणामस्वरूप कई व्यक्तियों को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्ति की उम्मीद होती है, जिसके लिए वे विदेश जाते हैं।
शिक्षा का अध्ययन – कई छात्र विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने का निर्णय करते हैं। विदेश में शिक्षा प्राप्त करने का यह उनका एक महत्वपूर्ण कारण हो है, जो उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण होता है।
विवाह और परिवार – कई बार भारतीय प्रवासी विदेश जाकर अपने परिवार को सुरक्षित और अधिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करते हैं। इसमें विदेशी नागरिकता प्राप्त करने और स्थायी रूप से बसने की कोशिशें शामिल हो सकती हैं।
लगभग हर व्यक्ति का कारण भिन्न हो सकता है, और वे विभिन्न देशों में जाते हैं ताकि वे अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकें।
भारतीय प्रवासियों का भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान (Contribution of Indian Immigrants to India’s Economy)
भारतीय प्रवासियों का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण है। ये प्रवासी अपने काम, व्यापार, और अन्य क्षेत्रों में विदेशों में काम करके और अपनी ऊर्जा, कौशल, और विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त ज्ञान के साथ भारत को समृद्धि में मदद कर रहे हैं।
छूट या Discount – भारतीय प्रवासी अपने परिवारों को भेजे जाने वाले पैसे (रिमिटेंसेस) के माध्यम से भारत को बड़े मात्रा में आर्थिक समर्थन प्रदान करते हैं। इससे गरीबी को कम करने में मदद होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
विदेशी मुद्रा संचय – भारतीय प्रवासी विदेश में काम करते समय विदेशी मुद्रा कमाते हैं, जिसे वे अपने बचत और निवेश के लिए भारत में ला सकते हैं। इससे भारत को विदेशी मुद्रा संचय होता है जो अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है।
नौकरी और व्यापार – भारतीय प्रवासी विभिन्न देशों में नौकरी और व्यापार के क्षेत्रों में अपने कौशल का प्रदर्शन करके भारत को विश्वस्तरीय स्तर पर पहचान दिलाते हैं। इससे उन्हें विदेशी बाजारों में मिलने वाले नए अवसर मिलते हैं।
तकनीकी ज्ञान और अनुसंधान – कई प्रवासी विदेशों में अद्भुत तकनीकी और अनुसंधान क्षमताओं का अध्ययन करते हैं, और उसे भारत में लाकर अपने देश को तकनीकी विकास में मदद करते हैं।
विदेशी निवेश – भारतीय प्रवासी विदेशी निवेश में भी सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, जिससे भारत को विदेशी पूंजीवाद मिलता है और उसका अर्थव्यवस्था में सुधार होता है।
इन सभी कारणों से भारतीय प्रवासी अपने योगदान के माध्यम से अपने मूल देश की अर्थव्यवस्था को स्थानीय और विश्व स्तर पर सुधारने में मदद कर रहे हैं।
By Sunaina
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