डिजिटल मार्केटिंग सीखिए और पैसे कमाइए | Digital Marketing की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में!

डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) क्या है? या डिजिटल मार्केटिंग का अर्थ क्या है? What is digital marketing? Or What is the meaning of digital marketing?

डिजिटल मार्केटिंग का तात्पर्य सर्च इंजन, वेबसाइट, सोशल मीडिया, ईमेल और मोबाइल ऐप जैसे डिजिटल चैनलों के माध्यम से दिए जाने वाले विज्ञापन से है। इन ऑनलाइन मीडिया चैनलों का उपयोग करते हुए, डिजिटल मार्केटिंग वह तरीका है जिसके द्वारा कंपनियां वस्तुओं, सेवाओं और ब्रांडों को बेचा करती हैं।
 
Digital Marketing

 

 
 
डिजिटल मार्केटिंग, जिसे ऑनलाइन मार्केटिंग भी कहा जाता है, इंटरनेट और डिजिटल संचार के अन्य रूपों का उपयोग करके संभावित ग्राहकों से जुड़ने के लिए ब्रांडों का प्रचार है। इसमें न केवल ईमेल, सोशल मीडिया और वेब-आधारित विज्ञापन शामिल है, बल्कि मार्केटिंग चैनल के रूप में टेक्स्ट और मल्टीमीडिया संदेश भी शामिल हैं।
यदि किसी मार्केटिंग अभियान में डिजिटल संचार शामिल हैं, तो वह डिजिटल मार्केटिंग है।
 

डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है? What are the types of digital marketing?

आज के समय में हर व्यक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल करता है और ख़ास कर फेसबुक, यूट्यूब, गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल तो जरूर ही करता है। ऐसे में आपके लिए ग्राहकों तक पहुंचना और प्रचार करना बहुत आसान हो गया हैं। अब इंटरनेट पर अलग अलग वेबसाइट के ज़रिये आप डिजिटल मार्केटिंग कर सकते हैं।
आइये जानते हैं कि आप कितने प्रकार से डिजिटल मार्केटिंग कर सकते हैं या यूँ कहिये कि डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है:
 

1.सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन – SEO (Search Engine Optimization):

SEO या Search Engine Optimization एक ऐसा तकनीक है, जिससे हम अपने पोस्ट या पेज को किसी भी सर्च इंजन पर टॉप में लाते है, या रैंक कराते हैं। SEO या Search Engine Optimization को सरल भाषा में कहे तो ये एक ऐसी तकनीक या साइंस है जिसकी वजह से कोई वेबसाइट सर्च रिजल्ट्स में सबसे ऊपर लिस्ट होती है। मतलब कि जब आप ब्राउज़र में कुछ भी सर्च करते है तो जो रिजल्ट्स आपको नज़र आते है उनमे वो websites  सबसे पहले या सबसे ऊपर show होती है जिनका SEO या Search Engine Optimization सबसे बेहतर होता है। 
 
चलिए अब ये भी जानते है कि किसी वेबसाइट के लिए बेहतर SEO या Search Engine Optimization कैसे करते है?
 
आप अपनी वेबसइट का SEO तीन तरीके से कर सकते है।
 
1. On-Page SEO
2. Off-Page SEO और 
3. Local SEO
 

1. On-Page SEO हिंदी में

On page SEO में आप अपनी वेबसाइट के डिज़ाइन को SEO फ्रेंडली बनाते है। मतलब कि आपकी वेबसाइट का डिज़ाइन यूजर फ्रेंडली होना चाहिए। उसमे सही टेम्पलेट्स या थीम्स का इस्तेमाल करना चाहिए। वेबसाइट में अच्छा कंटेंट लिखना चाहिए और उसमे ज्यादा सर्च किये जाने वाले keywords का इस्तेमाल करना चाहिए।Keywords का इस्तेमाल वेबसाइट में सही जगह ही करना चाहिए जैसे कि Title, Meta description, content में keyword का इस्तेमाल करना। इसका फायदा यह होता है कि सर्च इंजन को आपके कंटेंट के बारे में पता लग जाता है और वेबसाइट को रैंक करने में यह बहुत सहायता करता है। वेबसाइट रैंक होगी तो वेबसाइट पर ट्रैफिक भी बढ़ेगा।
 

On page SEO कैसे करे?

किसी भी वेबसाइट का On Page SEO जितना स्ट्रांग होगा उतनी ही उस वेबसाइट की रैंकिंग अच्छी होगी। नीचे दिए गए तरीके से आप अपनी वेबसाइट का On Page SEO अच्छे से कर पाएंगे।
 
1. Website Speed – वेबसाइट जितनी हल्की होगी अर्थात क्लिक करते ही जितनी जल्दी खुलेगी उतना ही वेबसाइट के लिए अच्छा होगा और सर्च इंजन वेबसाइट को रैंकिंग देगा। अगर 2 से 3 सेकण्ड्स में वेबसाइट नहीं खुलती है तो users पर इसका नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है और जैसे ही इसका सिग्नल सर्च इंजन को मिलता है वो आपकी वेबसाइट की रैंकिंग घटा देता है। इसीलिए अच्छी रैंकिंग के लिए अच्छा On Page SEO होना आवश्यक है।
 

अपनी वेबसाइट की स्पीड फ़ास्ट कैसे करे? How to increase speed of your website?

Website की speed fast करने के लिए नीचे दिए गए तरीके अपना सकते है:
 
    2. Simple और attractive theme – वेबसाइट पर simple theme यूज़ करे। ज्यादा plugins भी न लगाए। अगर images लगाई है तो उनका size कम-से-कम रखे
 
    3. Website की Navigation – वेबसाइट पर लगाए गए बटन्स जिनकी वजह से Users आपकी वेबसाइट पर     दूसरे pages पर जाता है अर्थात नेविगेशन, आसान होना चाहिए। क्योकि गूगल भी आपकी वेबसाइट को crawl करता है ऐसे में एक पेज से दूसरे पेज में जाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। नेविगेशन जितना आसान होगा उतना ही सर्च इंजन में रैंकिंग अच्छी होगी।
 
    4. Title Tag – वेबसाइट का टाइटल टैग आकर्षक बनाये ये ऐसा होना चाहिए कि विजिटर उसे पढ़े और पढ़ते ही उस पर क्लिक कर दे। Title में 50 words के करीब ही Words का इस्तमाल करें क्यूंकि ज्यादा लम्बा Title Tag, search में show नही होगा।
 
    5. Post का URL कैसे लिखें – अपनी वेबसाइट या पोस्ट का URL छोटा और सिंपल रखे। इसका फायदा आपको वेबसाइट को रैंक करने में मिलेगा।
 
    6. Internal Link – अपनी वेबसाइट या पोस्ट में इंटरनल लिंक बनाना न भूले। रैंक करने के लिए इंटरनल लिंक बहुत कारगर साबित होते है। इंटरलिंक का मतलब है कि आप अपने Related Pages को एक दुसरे के साथ कनेक्ट करते है मतलब  Interlinking करते है। इसका फायदा यह होता है कि आपके सभी Interlinked pages आसानी से rank हो जाते है।
 
    7. Alt Tag – अगर आपने अपनी वेबसाइट या पोस्ट में images का इस्तेमाल किया है तो ऑल्ट टैग लगाना न भूले। मतलब कि images किस बारे में है। Images की वजह से भी आपको ट्रैफिक मिल सकता है इसलिए उसमें ALT TAG ज़रूर लगाए।
 
    8. Content, Heading और keyword – आपकी वेबसाइट या पोस्ट का कंटेंट quality जितनी अच्छी होगी उतना फायदा आपकी वेबसाइट को होगा। वेबसाइट की valuation उतनी ही अच्छी होगी। आपकी पोस्ट कम से कम 800 words के आस पास होनी चाहिए। कंटेंट informative और quality वाला होना चाहिए।
 
    9. Heading – Heading बनाते वक़्त इस बात का ध्यान रखे कि उसमे main keyword जरूर हो।
 
    10. Keyword – अपनी वेबसाइट या पोस्ट में important keywords को BOLD ज़रुर करे। ऐसा करने से Google और Visitors को ये पता लगता है कि ये important Keywords हैं।
 

2. Off-Page SEO हिंदी में

अब बात करते है Off page SEO के बारे में। इसका मतलब यह होता है कि आपको अपनी वेबसाइट या पोस्ट का बैकलिंक क्रिएट करना होगा। अपनी वेबसाइट या पोस्ट के प्रमोशन के लिए दूसरे लोगो की वेबसाइट या पोस्ट्स पर जा कर उनके कमेंट बॉक्स में कमेंट करे और अपनी वेबसाइट या पोस्ट्स का लिंक भी वहां पेस्ट करे। ऐसा करने से आपकी वेबसाइट या पोस्ट्स को फायदा होगा। 
 
आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर Off page SEO के माध्यम से अच्छा ख़ासा ट्रैफिक ला सकते है। बस आपको करना ये है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, twitter, Quora पर जाए और वहां अपनी वेबसाइट के नाम से कुछ पोस्ट्स लिखे इससे आपकी वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक आने की संभावना बढ़ेगी। Off page SEO में दूसरी वेबसाइट या ब्लोग्स पर गेस्ट पोस्ट करना भी शामिल है। गेस्ट पोस्ट्स से भी आपकी वेबसाइट और ब्लोग्स पर ट्रैफिक बढ़ जाता है।
 
ऑफ पेज SEO (Off Page SEO) कैसे करे
 
आप निचे दिए गए तरीके से Off Page SEO कर सकते है।
 
1.  सर्च इंजन सबमिशन Search Engine Submission – यह आपकी वेब साइट को सर्च इंजन के साथ List करने के कार्य को संदर्भित करता है। सूचीबद्ध होने का मतलब यह नहीं है कि आपकी वेबसाइट या ब्लॉग निश्चित रूप से अच्छी रैंक करेगी। इसका केवल यही मतलब होता है कि Search Engine जानता है कि आपके पृष्ठ पर मौजूद हैं
Search Engine Submission करने के लिए Google खोज कंसोल में लॉग इन करें, बाएं मेनू पर “साइटमैप” दबाएं, अपने साइटमैप यूआरएल में पेस्ट करें, फिर ‘सबमिट करें’ दबाएं। यदि आपके पास एक से ज्यादा साइटमैप हैं, तो इस प्रक्रिया को दोहराएं।
 
अगर  GOOGLE पर केवल एक पेज सबमिट करना चाहते हैं?
 
    पूरे URL को search console  के यूआरएल इंस्पेक्शन टूल में पेस्ट करें। यदि पेज index नहीं है, तो आपको “URL Google पर नहीं है” चेतावनी दिखाई देगी। Google को पृष्ठ को क्रॉल और index करने के लिए कहने के लिए “Request Indexing” दबाएं।
 
        यदि page index  है, तो आपको “URL Google पर है” पुष्टिकरण दिखाई देगा। यदि URL Google पर है, तो आपको कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, content को अपडेट और पुनर्प्रकाशित करने के बाद reindexing करना अच्छा रहता है क्योंकि इससे Google को पेज को तेजी से crawl और reindexing  करने में मदद मिलती है।
 
2.  Bookmarking: बुकमार्किंग वाली साइट पर अपनी वेबसाइट या पेज को सबमिट करे।
 
3. अपनी वेबसाइट या ब्लोग्स का सोशल मीडिया पर पेज बनाये और उस पेज पर वेबसाइट का लिंक add करे। 
 
4. अपनी वेबसइट या ब्लोग्स के जैसे दूसरी वेबसइट या ब्लोग्स पर जा कर उनके पोस्ट में कमेंट करे और अपनी website या ब्लोग्स का link भी लगा सकते है।
 

3. Local SEO हिंदी में

अब जानते है कि ये Local SEO क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है?
इसमें आपको locality को टारगेट करना होता है। मतलब कि एक particular locality को टारगेट करते हुए अपनी वेबसाइट या ब्लोग्स को तैयार करना होगा।
 
आइये SEO के बारे में बाकी कुछ terms के साथ कुछ अंतर भी जान लेते है।
 
SEO और Internet marketing में Difference क्या है?
 
अब साथ में ये भी जान लेते है कि SEO और Internet marketing में Difference क्या है?
 
SEO एक टूल है जिसकी मदद से Internet marketing की जाती है। Internet marketing व्यापक term है। SEO केवल इसका एक हिस्सा मात्र ही है।
 

SEO और SEM में क्या अंतर है?

जैसा की हमने ऊपर भी बताया है कि SEO या Search Engine Optimization का उपयोग एक वेबसाइट या ब्लॉग को search engine में रैंक करवाने के लिए किया जाता है वहीं दूसरी तरफ SEM या Search Engine Marketing एक वेबसाइट या ब्लॉग को सर्च इंजन में ज्यादा विज़िबल करवाने का एक प्रोसेस है जिसका उद्देश्य वेबसाइट या ब्लॉग पर ज्यादा ट्रैफिक लाना होता है।
 

आइये जानते है कि SEO में use होने वाली टर्म्स के बारे में Know about the terms used in SEO

बैकलिंक Backlink
ये एक hyperlink होता है। जब कोई दूसरी वेबसाइट या ब्लॉग आपके वेबसाइट या ब्लॉग का लिंक अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर mention करती है तो उसे बैकलिंक देना कहते है।
 
पेजरैंक PageRank 
ये सर्च में दिखने के लिए एक रैंकिंग का एक तरीका है। पेजरैंक सिस्टम और एल्गोरिथम पद्धति को संदर्भित करता है जिसका उपयोग Google द्वारा वेबसाइट या ब्लॉग को रैंक करने के लिए और स्कोर के रूप में पृष्ठों को Specified, संख्यात्मक मान के लिए भी करता है।
 
एंकर टेक्स्ट Anchor text 
इसका मतलब ये है कि जब आप किसी वर्ड या sentence पर हाइपरलिंक स्थापित करते है। यह आमतौर पर नीले रंग के रेखांकित पाठ के रूप में दिखाई देता है।
 
टाइटल टैग Title Tag
Web Page या ब्लॉग पेज का Title ही Title Tag होता है। सर्च इंजन में रैंकिंग के लिए इसका महत्व भी बहुत होता है।
 
मेटा टैग्स Meta Tags
मेटा टैग text के snippets होते हैं जो किसी page के content का वर्णन करते हैं; मेटा टैग page पर नहीं, बल्कि page के source code में दिखाई देते हैं। मेटा टैग अनिवार्य रूप से छोटे content descriptors होते हैं जो सर्च इंजन को यह बताने में मदद करते हैं कि वेब पेज किस बारे में है।
 

सर्च अल्गोरिथम Search Algorithm

एक ऐसी प्रक्रिया या प्रणाली है जो एक निश्चित search result के लिए सबसे अधिक related और प्रासंगिक page को सर्च करने व उसे रैंक करने के लिए काम करती है। सटीक सर्च के लिए, संपूर्ण रैंकिंग प्रणाली में कई algorithm होते हैं जो वेब पेज की गुणवत्ता, प्रासंगिकता या उपयोगिता जैसे विभिन्न कारकों पर आधारित होते हैं।
 

SERP

एक Search Engine Result Page या SERP, वह page/पृष्ठ है जिसे आप Google, Yahoo, या किसी अन्य search engine में कोई query करने के बाद देखते हैं। प्रत्येक search engine का SERP डिज़ाइन अलग होता है, लेकिन चूंकि Google सबसे लोकप्रिय है, जिसके पास 80% से अधिक बाजार हिस्सेदारी है।

 

कीवर्ड डेंसिटी  Keyword density

कीवर्ड डेंसिटी  Keyword density से तात्पर्य किसी दिए गए वेबपेज पर या content के एक part  में शब्द गणना के अनुपात या प्रतिशत के रूप में एक कीवर्ड के होने की संख्या से है। इसे कभी-कभी कीवर्ड फ़्रीक्वेंसी keyword frequency, या उस frequency के रूप में भी जाना जाता है जिसके साथ एक वेबपेज पर एक स्पेशल कीवर्ड दिखाई देता है।
 
कीवर्ड स्टफ्फिंग  Keyword Stuffing
अपनी वेबसाइट या ब्लोग्स में कीवर्ड का सही मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए।  Keyword का जरुरत से ज्यादा इस्तमाल करना Keyword Stuffing कहलाता है और ये आपकी वेबसाइट या ब्लोग्स के लिए Negative SEO साबित हो सकता है और आपकी वेबसाइट और ब्लोग्स पर बुरा असर डालता है।
 

Robots.txt

Robots.txt एक टेक्स्ट फ़ाइल है जिसे वेबमास्टर वेब रोबोट (आमतौर पर सर्च इंजन रोबोट) को निर्देश देने के लिए बनाते हैं कि वे अपनी वेबसाइट पर पेज कैसे crawl करें।
 

Organic और Inorganic results क्या होते हैं? What are Organic and Inorganic results?

Organic results
इसमें आपकी वेबसाइट या ब्लोग्स अपने आप बिना पैसा खर्च किये organic तरीके से search results में अच्छी SEO की वजह से रैंक करती है और इसके लिए आपको कोई पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ता है।
 

Inorganic results

ये एक paid सर्विस है जिसमे Google को पैसे देने होते है और इसमें सर्च results में  रैंकिंग के लिए पैसों का भुगतान करना होता है।
 

2. सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social Media marketing):

सोशल मीडिया मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग में सबसे महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया से तात्पर्य Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn आदि! से है। आज के समय में सोशल मीडिया का इस्तेमाल लगभग हर व्यक्ति करता है। ऐसे में Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn आदि की सहायता से लाखो लोगो तक अपनी वेबसाइट या ब्लोग्स की एप्रोच बनायीं जा सकती है। इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बीच बीच में विज्ञापन दिखाए जाते है जिससे किसी भी प्रोडक्ट, Websites या ब्लोग्स का प्रचार बहुत प्रभावी हो जाता है और ये बहुत हद तक काम भी करता है। इस तरह की मार्केटिंग को ही सोशल मीडिया मार्केटिंग Social Media marketing कहते है।
 

3.सामग्री विपणन- (Content Marketing):

Content Marketing एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा related articles, वीडियो, पॉडकास्ट और अन्य मीडिया बनाते है और उन्हें share करके visitors को अपनी websites या ब्लोग्स पर जोड़ा जाता है और बनाया रखा जाता है।
 
अच्छी जानकारी देना और अपनी websites या ब्लोग्स से लोगो जागरूक करना  ये सब तरीके आपकी websites या ब्लोग्स पर लोगो का विश्वास पैदा करती है और इसी के आधार पर आगे बिज़नेस भी प्राप्त किया जाता है। 
 
Content Marketing के कुछ उदहारण:
 
    1. Infographics 
    2. Webpages 
    3. Podcasts
    4. Videos
    5. Books या Text
 

4.ईमेल मार्केटिंग- (Email Marketing):

Email marketing के द्वारा आप अपनी websites या ब्लोग्स और ब्रांड, प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग कर सकते है। ये तरीका भी बहुत प्रभावी होता है क्योकि इसमें ग्राहकों को ईमेल के द्वारा नए उत्पादों, छूटों और अन्य सेवाओं से अवगत कराया जाता है और उनको खरीदारी करने के लिए आकर्षित किया जाता है। साथ ही अपने साथ बनाये रखने के लिए भी ये तरीका बहुत कारगर है।
 

5.अफिलिएट मार्केटिंग- (Affiliate Marketing)

Affiliate Marketing एक ऐसा तरीका है जिसमे आप किसी कंपनी के एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ कर उस कंपनी के उत्पादों की मार्केटिंग कर के एक कमीशन प्राप्त करते है। कमीशन बिक्री पर आधारित होता है। प्रत्येक बिक्री से एक कमीशन मिलता है और आपकी कमाई होती है। बिक्री को एक वेबसाइट से दूसरी वेबसाइट पर affiliate link के माध्यम से ट्रैक किया जाता है।
 

6.पे-पर-क्लिक मार्केटिंग- PPC (Pay per click  Marketing):

PPC or Pay-Per-Click एक digital marketing का एक ऐसा तरीका है जिसमे आप अपने विज्ञापन पर क्लिक करने के बदले शुल्क अदा करते है। आप अपनी websites, ब्लोग्स, प्रोडक्ट्स ब्रांड को प्रमोट करने के लिए विज्ञापन देते है और हर विज्ञापन पर हर क्लिक के बदले आपको शुल्क देना होता है। मतलब ये है कि आप paid adds का इस्तेमाल कर के अपनी websites, ब्लोग्स, प्रोडक्ट्स ब्रांड की मार्केटिंग कर सकते है।
 

7. एप्स मार्केटिंग- (Apps Marketing):

आप अपनी websites  या ब्लोग्स या प्रोडक्ट्स ब्रांड्स की मार्केटिंग के लिए इस तरीके का उपयोग कर सकते है। इसमें मोबाइल Apps बनाकर अपनी websites या ब्लोग्स या प्रोडक्ट्स ब्रांड्स की पहुंच बढ़ाई जाती है। आज के दौर में हर कोई मोबाइल use करता ही है और Apps के द्वारा लोगो तक अपनी पहुंच बनाना बहुत अच्छा तरीका है। Digital marketing का ये एक बहुत प्रभावी प्रकार है जो आपकी websites या ब्लोग्स या प्रोडक्ट्स ब्रांड्स की मार्केटिंग के लिए और ज्यादा ट्रैफिक के लिए बहुत अच्छे से काम करता है। 
 

8.मोबाइल मार्केटिंग- (Mobile Marketing):

Mobile marketing में आप अपने website, ब्लोग्स, प्रोडक्ट या ब्रांड की जानकारी मोबाइल use करने वाले सभी लोगो तक पहुंचाते है। इसमें आप सोशल मीडिया, मोबाइल एप्लीकेशन, वेबसाइट या टेक्स्ट मैसेज के द्वारा अपने विज्ञापन लोगो तक पहुंचाते है। जिन लोगो के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं होते है केवल साधारण फ़ोन होता है उन्हें टारगेट करने के लिए टेक्स्ट मैसेज के द्वारा इनफार्मेशन दी जाती है।
 

9.वीडियो मार्केटिंग- (Video Marketing):

वीडियो मार्केटिंग Video Marketing में अपनी website, ब्लोग्स, प्रोडक्ट्स या ब्रांड या सेवा के प्रचार के लिए और लोगों तक एप्रोच बनाने के लिए वीडियो का उपयोग किया जाता है। Video Marketing बहुत प्रभावी होती है। Interesting videos बना कर और उसके द्वारा अपनी website, ब्लोग्स, प्रोडक्ट्स या ब्रांड या सेवा की मार्केटिंग करके अपनी पहुंच बनाई जा सकती है।
 

10.ऑडियो मार्केटिंग- (Audio marketing):

ऑडियो मार्केटिंग Audio marketing का उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है। Digital audio विज्ञापन श्रोताओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल ऑडियो सामग्री में विज्ञापन डालने की प्रक्रिया है। संगीत, पॉडकास्ट या डिजिटल रेडियो शो सुनने वालो लोगों तक Digital audio विज्ञापन के जरिये पहुंच बनाई जाती है और ये digital marketing का एक प्रभावी प्रकार है।
 
 

डिजिटल मार्केटिंग के क्या फायदे हैं? What Are the Benefits of Digital Marketing?

  • वैश्विक पहुंच (Global Reach) – Digital Marketing का सबसे बड़ा फायदा ये है की इससे आपकी website, ब्लोग्स, प्रोडक्ट्स या ब्रांड की Global Reach हो जाती है।
  • Niche Targeting – Digital Marketing का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि Digital प्लेटफॉर्म्स पर आप अपनी टारगेट ऑडियंस के हिसाब से विज्ञापन की पहुंच उन तक बना सकते है। अपनी टारगेट ऑडियंस को लोकेशन वाइज, age ग्रुप, gender आदि के हिसाब से फ़िल्टर किया जा सकता है।
  • वहनीयता – Affordability – Digital marketing का सबसे बड़ा लाभ यही है के ये अफोर्ड की जा सकती है। मार्केटिंग पर होने वाले व्यय वहन करने लायक होते है। Digital marketing की पहुंच को देखते हुए इस पर आने वाली लागत तुलनात्मक रूप से सस्ती ही होती है। कहने का अभिप्राय ये है कि परम्परागत मार्केटिंग की तुलना में डिजिटल मार्केटिंग अफोर्डेबल है।
  • ट्रैक करने योग्य और मापने योग्य परिणाम Trackable and measurable results – इसकी सबसे बड़ी ख़ास बात यह है कि आप अपने मार्केटिंग के पर्यासो को Google Analytics और Google Search Console की सहायता से ट्रैक कर सकते हैं।
  • बेहतर रूपांतरण दर Better Conversion Rate – Digital marketing में आप अपनी marketing पर्यासो को ट्रैक करते हुए बिक्री conversion को प्रभावी बना सकते है। बेहतर ढंग से टारगेट बनाये जा सकते है Digital marketing का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें sales conversion रेट अधिक होती है।
  • ए/बी परीक्षण (A/B Testing) – अपने digital marketing अभियान में आप ए/बी परीक्षण कर बेहतर रिजल्ट्स प्राप्त कर सकते है।
  • वैयक्तिकरण Personalization – डिजिटल मार्केटिंग के एक फायदा ये है कि आप समान दर्शकों को व्यक्तिगत संदेश भेज सकते हैं और उन्हें उपभोक्ताओं में भी बदला जा सकता है।
  • High Engagement – हाई एंगेजमेंट – Digital marketing में आप सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो को अपने से connect कर सकते है और उनके साथ संवाद स्थापित कर सकते है। ऐसा करके वेबसाइट या ब्लोग्स के साथ संभावित ग्राहकों के सम्बन्ध और अपनी वेबसाइट या ब्लोग्स की वैल्यू दोनों कायम कर सकते है।
  • प्रतियोगिता से बचे Survive the Competition  – Digital marketing आपको मार्किट के कम्पटीशन से काफी हद तक बचता है। आप अपनी वेबसाइट, ब्लोग्स , प्रोडक्ट या ब्रांड के लिए अपनी टारगेट audiance को ध्यान में रखते हुए मार्केटिंग करते है जिससे आपको अपने प्रोडक्ट के लिए ट्रैफिक मिल जाता है।
 
 
— Gaurav Joshi
 
 

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