सीबीएसई (CBSE) कक्षा 12 अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम: धन और बैंकिंग | Money and Banking

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Subject – Economics, Economics in Hindi, CBSE Class 12th Economics

धन और बैंकिंग, आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण दो संबंधित शब्द हैं। धन समृद्धि का प्रतीक है जबकि बैंकिंग एक वित्तीय सेवा है जो धन के प्रबंधन, बचत, उधारी देने और ऋण लेने के लिए सुविधा प्रदान करती है। इस लेख में, हम धन और बैंकिंग के महत्व, उनके संबंध, और आपके वित्तीय नियोजन को समझने में आपकी मदद करने का प्रयास करेंगे।

सीबीएसई (CBSE) कक्षा 12 अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम धन और बैंकिंग

धन का महत्व (Importance of money)

धन, एक व्यक्ति या समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। धन संसार में एक अपरिहार्य तत्व है, जो हर क्षेत्र में प्रभाव डालता है। व्यक्तिगत स्तर पर, धन व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और आत्मसम्मान के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।

धन के महत्व की पहचान जीवन के मुख्य मोटिवेशन को पूरा करने में सहायक होती है। यह स्वयं को बेहतर बनाने, परिवार की देखभाल करने, शिक्षा प्राप्त करने, स्वस्थ रहने, और सपनों को पूरा करने के लिए साधनों को प्रदान करता है।

धन का महत्व व्यापार, उद्योग, और समाज में भी बहुत बड़ा है। धन के बिना कोई भी व्यवसाय या उद्योग विकसित नहीं हो सकता है। निवेश और रोजगार के लिए धन की आवश्यकता होती है जो समाज में रोजगार के अवसरों को सृजित करता है। इसके साथ ही, समाज में सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी धन का उचित प्रयोग किया जाना चाहिए।

हालांकि, धन के महत्व को समझते समय यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि धन अपने आप में एकंत्रित लक्ष्य नहीं है, बल्कि यह समृद्धि के साथ सामाजिक सुविधाओं का उपयोग करने का एक साधन है। धन के साथ सावधानीपूर्वक व्यवहार करना और उसे निःस्वार्थी रूप से उपयोग करना चाहिए, ताकि समाज में न्याय, समानता, और समृद्धि का संतुलन बना रहे।

समार्थ और जिम्मेदारीभावना से धन का उपयोग करने से व्यक्ति और समाज दोनों ही उन्नति की ओर अग्रसर हो सकते हैं। इसलिए, धन को एक सकारात्मक और सावधानीपूर्वक तरीके से उपयोग करके समृद्ध और समरस्थ जीवन की प्राप्ति की जा सकती है।

संचय और निवेश (Savings and Investment)

धन का संचय और निवेश करना वित्तीय समृद्धि में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपनी आय का एक हिस्सा बचाने द्वारा आप आने वाले समय में वित्तीय समस्याओं का सामना कर सकते हैं और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करा सकते हैं।

धन के उपयोग का विचार (Idea of use of money)

धन के उपयोग को समझना महत्वपूर्ण है। आपको आपकी आर्थिक आवश्यकताओं के अनुसार धन का उपयोग करना चाहिए। आपको अपने व्ययों को प्राथमिकता देनी चाहिए और आवश्यकता न होने पर धन को संचय में रखना चाहिए।

बैंकिंग का महत्व (Importance of Banking)

बैंकिंग एक अत्यंत महत्वपूर्ण वित्तीय सेवा है जो समाज में आर्थिक विकास और समृद्धि को सुनिश्चित करती है। बैंकिंग व्यवस्था व्यक्तियों और समाज को धनाध्यवसाय, बचत, ऋण, और निवेश जैसी सेवाएं प्रदान करके उन्हें वित्तीय तंत्र के साथ जोड़ती है।

बैंकिंग के महत्व के कुछ प्रमुख कारण हैं:

वित्तीय सुरक्षा: बैंक समाज को धन रखने, सुरक्षित करने और प्रबंधित करने की सुविधा प्रदान करते हैं। बैंकों के माध्यम से लोग अपनी कमाई को जमा करके उसे सुरक्षित रख सकते हैं और बैंक सुरक्षित तरीके से लोन भी ले सकते हैं।

धनाध्यवसाय: बैंकिंग सेवाएं लोगों को नकद पैसे की जरूरत के समय पर प्रदान करती हैं। व्यापारियों के लिए व्यापार विकास और उन्नति के लिए ऋण उपलब्ध कराने में भी बैंकों का महत्व होता है।

बचत: बैंकों के माध्यम से लोग धन बचाने और बचत करने की विभिन्न योजनाएं उपलब्ध कर सकते हैं। इससे लोग भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए निवेश कर सकते हैं।

निवेश: बैंकिंग सेवाएं निवेश के लिए भी उपयुक्त विकल्प प्रदान करती हैं। लोग बैंक के माध्यम से सामान्य निवेश, शेयर बाजार, बॉन्ड्स आदि में निवेश कर सकते हैं।

वित्तीय समावेशीकरण: बैंकिंग व्यवस्था द्वारा वित्तीय समावेशीकरण होती है, जिससे वित्तीय समानता और समाज में विकास के लिए अवसर मिलते हैं।

वित्तीय प्रौद्योगिकी: बैंकिंग सेवाएं भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी में अहम भूमिका निभाती हैं। वित्तीय ट्रांजेक्शन डिजिटल रूप से सम्पन्न होने से लोग आसानी से अपने खाते का प्रबंधन कर सकते हैं।

इन सभी कारणों से बैंकिंग समाज के लिए आर्थिक उन्नति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वित्तीय समर्थन प्रदान करना (Financial Support)

बैंकिंग संस्थान विभिन्न वित्तीय समर्थन प्रदान करते हैं जो आपको आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। यह बैंकिंग उपयोगकर्ताओं को बचत खाते, निवेश खाते, ऋण और क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान करके उन्हें विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।

ऋण और ऋण विकल्प (Loans and Credit Options)

बैंकिंग से आप ऋण लेने के लिए विभिन्न विकल्पों का लाभ उठा सकते हैं। आपको अपनी आर्थिक स्थिति और आवश्यकताओं के अनुसार ऋण का चयन करना चाहिए। ध्यान देने वाली बात यह है कि आप ऋण की वापसी की समय-सीमा और ब्याज दर को ध्यान में रखें ताकि आपको भविष्य में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

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धन और बैंकिंग के संबंध (Money and Banking)

धन और बैंकिंग एक-दूसरे के संबंध बहुत गहरे हैं और दोनों का महत्वपूर्ण योगदान समाज के विकास और आर्थिक सुरक्षा में होता है। धन और बैंकिंग के संबंधों को निम्नलिखित प्रकार से समझा जा सकता है:

धन संचय: धन संचय एक व्यक्ति के लिए आर्थिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन है। धन संचय उसके भविष्य के लिए बचत करने और आने वाले आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। बैंकिंग सेवाएं धन संचय के लिए बचत खाते और आवर्ती जमा खाते जैसे विकल्प प्रदान करती हैं, जिन्हें व्यक्ति अपनी आराम से जमा और निकासी कर सकता है।

धन के उधारण: धन के उधारण व्यक्ति या व्यापार के लिए विकट समय में एक आवश्यक साधन है। बैंकों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं, जिन्हें लोग अपनी आवश्यकतानुसार ले सकते हैं। ऋण उपलब्धि के लिए व्यक्ति को विशेष शर्तों और ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है।

निवेश: धन को निवेश करने से आय बढ़ती है और संपत्ति का निर्माण होता है। बैंकिंग सेवाएं निवेश के लिए विभिन्न विकल्प प्रदान करती हैं, जैसे कि शेयर बाजार, बॉन्ड्स, म्युचुअल फंड, आदि में निवेश करने के लिए।

वित्तीय सुरक्षा: धन को बैंकों में सुरक्षित रखने से धन का नुकसान होने की संभावना कम होती है। बैंकों के द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा सुनिश्चित करती है कि धन को चोरी, हानि या नुकसान से बचाया जा सकता है।

वित्तीय विकास: बैंकिंग सेवाएं वित्तीय विकास को समर्थन करती हैं और समाज के लिए वित्तीय समानता प्रदान करती हैं। बैंकिंग सेवाएं सभी वर्गों के लोगों को वित्तीय समानता और विकास का लाभ उठाने का अवसर प्रदान करती हैं।

इस प्रकार, धन और बैंकिंग के संबंध समाज के आर्थिक सुरक्षा, विकास और समृद्धि में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। व्यक्ति और समाज दोनों को धन और बैंकिंग को सावधानीपूर्वक उपयोग करने की आवश्यकता है, ताकि सभी को लाभ मिल सके और समृद्धि की ऊँचाइयों को प्राप्त किया जा सके।

धन नियंत्रण में रखना

धन और बैंकिंग के संबंध में ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। आपको अपने वित्तीय संबंधों को समझने और नियंत्रण में रखने के लिए अपने बैंक खाते का नियमित रूप से लेखा जोखा करना चाहिए।

वित्तीय सलाह (Financial Advice)

बैंकिंग संस्थान आपको वित्तीय सलाह भी प्रदान कर सकते हैं। यह सलाह आपको आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहायक हो सकती है। आपको इस सलाह का उचित उपयोग करना चाहिए और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक सावधानीपूर्वक नियोजन बनाना चाहिए।

वित्तीय नियोजन की महत्वपूर्ण बातें (Important points of financial planning)

वित्तीय नियोजन की महत्वपूर्ण बातें:

आर्थिक विकास को समर्थन करता है: वित्तीय नियोजन एक विशेष योजना बनाने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह वित्तीय संसाधनों को सबसे उचित और उपयुक्त तरीके से उपयोग करने की सुनिश्चित करता है।

वित्तीय समानता प्रदान करता है: वित्तीय नियोजन के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को वित्तीय समानता का लाभ मिलता है। इसके जरिए गरीबी की समस्या का समाधान होता है और सभी को वित्तीय रूप से सुरक्षित भविष्य के लिए आवश्यक संसाधन मिलते हैं।

निवेश को समर्थन करता है: वित्तीय नियोजन निवेश के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह लोगों को विभिन्न निवेश विकल्पों के बारे में जागरूक करता है और उन्हें सही समय पर सही निवेश करने में मदद करता है।

आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाता है: वित्तीय नियोजन लोगों को आर्थिक सुरक्षा के लिए आवश्यक धन एवं संसाधनों का प्रबंधन करने में सहायक होता है। इससे व्यक्ति अपने भविष्य के लिए सुरक्षित रखने की क्षमता विकसित कर सकता है।

अच्छे वित्तीय योजना से आर्थिक विकास: सरकार द्वारा अच्छे वित्तीय योजनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को आर्थिक विकास के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। इससे समृद्धि और समाज के सामर्थ्य में सुधार होता है।

वित्तीय विकास की दिशा में प्रोत्साहन: वित्तीय नियोजन वित्तीय विकास की दिशा में सरकार और वित्तीय संस्थानों को प्रोत्साहित करता है। यह वित्तीय समृद्धि और समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इन सभी कारणों से वित्तीय नियोजन समाज के विकास और आर्थिक सुरक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे समझकर सरकार, वित्तीय संस्थान और व्यक्ति समाज के विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning)

आपके जीवन के विभिन्न चरणों में धन और बैंकिंग का सही उपयोग करके रिटायरमेंट प्लानिंग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपने भविष्य के लिए पैसे बचाने और निवेश करने के लिए एक ठोस रिटायरमेंट प्लान बनाना चाहिए।

बचत खाते का महत्व (Importance of Savings Account)

बचत खाते एक सुरक्षित विकल्प हैं जो आपको आने वाले दिनों के लिए पैसे बचाने में मदद करते हैं। धन और बैंकिंग के संबंध में बचत खाते का ध्यान रखना चाहिए।

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अवसर और चुनौतियाँ (Opportunities and Challenges)

वित्तीय उद्दीपन

वित्तीय उद्दीपन वित्तीय समृद्धि का महत्वपूर्ण स्रोत है। इसका मतलब है कि आपको निवेश के लिए उत्साह और सही दिशा देना चाहिए।

वित्तीय अपारदर्शिता

वित्तीय अपारदर्शिता और निष्पक्षता को समझना महत्वपूर्ण है। आपको अपने धन और बैंकिंग संबंधों में इंजीनियरी के जरिए वित्तीय अपारदर्शिता बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

मुद्रा के कार्य

मुद्रा का काम विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य धन और वित्तीय समर्थन प्रदान करना होता है। मुद्रा संस्थान धन बचत, ऋण वितरण, और ऋण लेने वालों को उचित ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करने में सहायता करते हैं। इसके अलावा, मुद्रा संस्थान विभिन्न वित्तीय उपकरण भी प्रदान करते हैं जो लोगों को वित्तीय संबंधों को प्रबंधित करने में सक्षम बनाते हैं।

मुद्रा संस्थानों का एक महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न वित्तीय योजनाओं का विकास करना होता है। ये संस्थान आम जनता को ऋण लेने में आसानी प्रदान करते हैं जो उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी योजनाओं और लोन स्कीमों को प्रोत्साहित करने में भी मुद्रा संस्थानों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

मुद्रा संस्थानों का एक और महत्वपूर्ण कार्य ऋण वसूली और वित्तीय लेनदेन की निगरानी करना होता है। वे ऋण लेने वालों से नियमित अंतराल पर ऋण चुकता करने और समय पर ब्याज देने का प्रबंध करते हैं। इससे लोगों के बीच विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ता है और वित्तीय संबंधों में सुधार होता है।

सारांश के रूप में, मुद्रा संस्थानों का काम वित्तीय समर्थन प्रदान करना, वित्तीय उपकरण प्रदान करना और विभिन्न वित्तीय योजनाओं का विकास करना होता है। इन संस्थानों के माध्यम से आम जनता को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है और उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।

मुद्रा की मांग और पूर्ति (Money – Demand and Supply)

मुद्रा एक महत्वपूर्ण वित्तीय सेवा है जो विभिन्न व्यक्तियों और व्यापारियों के वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है। मुद्रा की मांग और पूर्ति का महत्वपूर्ण रिश्ता होता है जो एक स्वस्थ वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक है।

मुद्रा की मांग: मुद्रा की मांग विभिन्न व्यक्तियों और उद्यमियों के वित्तीय आवश्यकताओं के कारण बढ़ती जा रही है। लोग अपने व्यापार या व्यक्तिगत उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ऋण का लाभ उठाने के लिए मुद्रा की मांग करते हैं। व्यक्तियों के विभिन्न जीवन स्थितियों में जैसे बड़ी खरीददारी, विदेशी यात्रा, या उद्यम स्थापित करने के लिए उन्हें आर्थिक समर्थन की आवश्यकता होती है। मुद्रा संस्थान ऋण और वित्तीय समर्थन प्रदान करके इन व्यक्तियों की मांग को पूरा करते हैं।

मुद्रा की पूर्ति: मुद्रा की पूर्ति व्यक्ति या संस्था द्वारा अपने लिए लिये गए ऋण को समय पर चुक्ता करने का समय होता है। इससे उधारी देने वाली संस्था को उच्च ब्याज या दंड नहीं देने पड़ते हैं। ऋण की पूर्ति से व्यक्ति को आर्थिक स्वतंत्रता का आनंद होता है और उन्हें वित्तीय समृद्धि का मार्ग मिलता है। यह उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करता है और उन्हें आर्थिक समृद्धि तक पहुंचाता है।

मुद्रा की मांग और पूर्ति के माध्यम से व्यक्ति अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में आर्थिक सुरक्षा का आनंद उठाते हैं। इस रिश्ते के माध्यम से मुद्रा संस्थान विभिन्न व्यक्तियों और उद्यमियों के वित्तीय सुविधाओं को प्रदान करके उनकी मदद करते हैं और उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं।

बैंकिंग व्यवस्था द्वारा साख सृजन

बैंकिंग व्यवस्था आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है जो साख सृजन (स्वयं रोजगार) को प्रोत्साहित करती है। साख सृजन एक व्यक्ति या समूह द्वारा अपने उद्देश्यों के अनुसार व्यवसाय आदि की स्थापना करने का प्रक्रिया है। बैंकिंग व्यवस्था साख सृजन को समर्थन प्रदान करके उनके विकास और समृद्धि की दिशा में सहायता करती है।

बैंकिंग व्यवस्था साख सृजन के लिए विभिन्न वित्तीय सुविधाएं प्रदान करती है। एक व्यक्ति या समूह के द्वारा व्यवसायिक संरचना बनाने के लिए बैंक उन्हें उचित ब्याज दर पर ऋण प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, उन्हें विभिन्न वित्तीय योजनाओं और स्कीमों की जानकारी भी देते हैं जो साख सृजन को विकसित करने में मदद करती हैं।

बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से लोग अपने स्वयं रोजगार के लिए उचित वित्तीय संसाधन प्राप्त कर सकते हैं। बैंक उन्हें विभिन्न वित्तीय उपायों के बारे में बताते हैं जो उनके व्यवसाय को उन्नत करने में मदद करते हैं। इससे उन्हें अपने स्वयं रोजगार के लिए आवश्यक धन की आपूर्ति होती है जो उनके व्यवसाय को विकसित करने में मदद करती है।

समाप्ति में, बैंकिंग व्यवस्था साख सृजन को आर्थिक समृद्धि की दिशा में सहायता प्रदान करती है। बैंकिंग सुविधाएं साख सृजन को उचित वित्तीय संसाधन और समर्थन प्रदान करके उनके विकास में मदद करती हैं और उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाती है। इससे साख सृजन व्यक्ति या समूह को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलती है और उन्हें आर्थिक समृद्धि के लिए सक्षम बनाती है।

साख सृजन की सीमाएं तथा मुद्रा गुणक

साख सृजन की सीमाएं:

आर्थिक संसाधन: साख सृजन के लिए आर्थिक संसाधन एक महत्वपूर्ण सीमा है। उच्च आर्थिक लेवल पर नए व्यवसाय की स्थापना करने के लिए पर्याप्त धन और ऋण की आवश्यकता होती है। यदि संसाधनों की कमी होती है, तो साख सृजन विकसित नहीं हो पाता है।

व्यवसायिक योग्यता: साख सृजन के लिए व्यक्ति को व्यवसायिक योग्यता और नौकरी जीवन से निकलने की आवश्यकता होती है। व्यवसायिक योग्यता के बिना साख सृजन कठिन हो सकता है।

विचारों की प्रायोगिकता: साख सृजन के विचारों की प्रायोगिकता भी एक महत्वपूर्ण सीमा है। विचारकों को अपने विचारों को प्रयोग करने और उन्हें वास्तविकता में लाने की योग्यता होनी चाहिए।

मुद्रा गुणक:

मुद्रा गुणक (क्रिप्टोकरेंसी) एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी तकनीक का उपयोग करके वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित और अनुरक्षित बनाती है। मुद्रा गुणक के लिए एक नेटवर्क ब्लॉकचेन का उपयोग होता है, जिसमें सभी लेनदेन रिकॉर्ड किए जाते हैं और इसे कंप्यूटर नेटवर्क पर स्टोर किया जाता है। मुद्रा गुणक बिटकॉइन, एथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन और बीचेन कॉइन जैसी कई अन्य डिजिटल मुद्राओं में से एक है।

मुद्रा गुणक की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसे केंद्रीकृत बैंकों या सरकारों के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इसका प्रबंधन पूरी तरह से नेटवर्क प्रयोगकर्ताओं द्वारा किया जाता है जिन्हें ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से संचालित किया जाता है। मुद्रा गुणक की मांग और मूल्य भंगुर होती है, जिससे इसकी मूल्यवृद्धि और मूल्यघाटी हो सकती है। इसके व्यापक उपयोग के बावजूद, इसका उच्च स्तर पर सुरक्षा और गोपनीयता विषयक चिंता भी है।

सीबीएसई (CBSE) कक्षा 12 अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम: धन और बैंकिंग | Money and Banking

मुद्रा पूर्ति के नियंतरण के नीतिगत उपकरण (Policy Tools to Control Money Supply)

मुद्रा पूर्ति एक महत्वपूर्ण विषय है जो अर्थव्यवस्था में सामान्य विकास और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित रखने के लिए विभिन्न नीतिगत उपकरण होते हैं, जो इस विषयक नियंत्रण और प्रबंधन में मदद करते हैं। यहां कुछ मुख्य नीतिगत उपकरण दिए गए हैं:

मोनेटरी पॉलिसी: मोनेटरी पॉलिसी एक ऐसा नीतिगत उपकरण है जिसके माध्यम से रिज़र्व बैंक या सरकार मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित करते हैं। मोनेटरी पॉलिसी के माध्यम से ब्याज दरें, नकद रिज़र्व और बैंकों को आर्थिक संसाधनों का प्रबंधन करने के नियम तय किए जाते हैं ताकि मुद्रा की पूर्ति पर प्रभाव डाला जा सके।

फिस्कल पॉलिसी: फिस्कल पॉलिसी भी मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित करने का एक नीतिगत उपकरण है। इसमें सरकार द्वारा राजकोषीय कार्यों के माध्यम से कर और खर्च को नियंत्रित किया जाता है जिससे मुद्रा पूर्ति पर असर पड़ता है।

विदेशी विनियमन: विदेशी विनियमन भी मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें विदेशी मुद्रा और एक देश के रुपये के बीच की मुद्रा दरें निर्धारित की जाती हैं, जो मुद्रा पूर्ति को प्रभावित करती हैं।

व्यापार नीति: व्यापार नीति भी मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त है। व्यापार नीति के माध्यम से निर्यात और आयात को नियंत्रित किया जा सकता है, जो मुद्रा पूर्ति पर प्रभाव डालता है।

मुद्रा पूर्ति को नियंत्रित करने के लिए उपरोक्त नीतिगत उपकरण महत्वपूर्ण हैं जो अर्थव्यवस्था को स्थिरता और सुविधा प्रदान करते हैं। इन नीतिगत उपकरणों को सक्रिय रूप से प्रयोग करके मुद्रा पूर्ति को संतुलित बनाना महत्वपूर्ण है जिससे अर्थव्यवस्था को विकास और समृद्धि मिलती है।

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