

ऐसे पहचानें कि अंदर कैंसर है या नहीं
पेट की चर्बी और बड़ी आंत का कैंसर? पेट के आसपास चर्बी का इकट्ठा होना मोटापे का संकेत होता है। साथ ही यह आपके वजन को जरूरत से ज्यादा भी बढ़ा सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) कहता है कि मोटापा और जरूरत से ज्यादा वजन होने से कोलोरेक्टल कैंसर बन सकता है।
बड़ी आंत में ट्यूमर को कैसे पहचानें?
डॉक्टर किसी भी कैंसर का टेस्ट करवाने से पहले मरीज में दिख रहे लक्षणों पर नजर डालते हैं। अगर उन्हें लगता है कि ये लक्षण कोलोरेक्टल कैंसर से मिलते हैं या फिर मरीज की फैमिली हिस्ट्री इस बीमारी से जुड़ी हुई है तो वे पुष्टि के लिए स्टूल टेस्ट, कॉलनस्कॉपी आदि टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की वेबसाइट पर इस कैंसर से जुड़े एक्सपर्ट की राय मौजूद है। उनके मुताबिक, कोलोरेक्टल कैंसर होने पर कई दिन तक डायरिया, कब्ज और मल का पतला होने जैसी पेट की दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा, मलाशय से हल्के लाल रंग का रक्तस्राव, खून आने की वजह से मल का रंग गहरा होना, पेट में दर्द, कमजोरी और थकान समेत अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं।
बिना कुछ किए वजन कम होना
बड़ी आंत और मलाशय के कैंसर में मरीज का वजन कुछ किए बिना ही कम होने लगता है। Cancer.org पर मौजूद जानकारी कहती है कि ऐसा कैंसर या कैंसर के इलाज में शरीर के लिए जरूरी कैलोरी की मात्रा बढ़ने पर होता है। इसलिए अगर आपकी चर्बी या वजन अचानक से कम होने लगा है तो यह शरीर के अंदर खतरनाक ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
एक बार में पेट खाली ना होना
अगर एक बार टॉयलेट जाने के बाद आपको खाली पेट का एहसास नहीं होता और दोबारा मल त्याग करने की जरूरत महसूस होती है तो सावधान हो जाइए। क्योंकि, यह भी कोलोरेक्टल कैंसर का बड़ा लक्षण हो सकता है।
ये आदतें बढ़ाती हैं मोटापा और कोलोरेक्टल कैंसर
- फल और सब्जियों को कम खाना
- शारीरिक गतिविधि ना करना
- कम फाइबर और ज्यादा फैट वाली डाइट लेना
- शराब का सेवन करना, आदि
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।