Pregnancy Confirm होते ही करें ये 5 काम
इन चीजों को खाने से बचें
सॉफ्ट चीज, बीन स्प्राउट्स, सैंडविच मीट और सलाद खाने से बचें क्योंकि इनमें लिस्टेरिया बैक्टीरिया हो सकता है। कच्चे अंडे में साल्मोनेला हो सकता है और इस खाने से भी प्रेगनेंट महिला को बचना चाहिए। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार साल्मोनेला खाने से दस्त, पेट दर्द, मतली या उल्टी, बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, मल में खून और डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख सकते हैं।
फिश खाने से बचना है
अधपके मांस और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स के सेवन से बचें क्योंकि इनमें ई.कोलाई, कैंपिलोबैक्टर, साल्मोनेला और टोक्सोप्लाज्मा गोंडी बैक्टीरिया हो सकते हैं। स्वोर्डफिश, शार्क, टाइलफिश, किंग मैकेरल फिश खाने से बचें क्योंकि इनमें उच्च स्तर में मर्करी होता है। इसके अलावा, कच्ची मछली जैसे सुशी और साशिमी भी नहीं खानी खहिए।। मीठे पानी के सैल्मन, बास, ब्लूफिश, ट्राउट, पाइक और वॉली में पीसीबी का उच्च स्तर (पॉलीक्लोरीनेटेड बाइफिनाइल, जो अत्यधिक जहरीले औद्योगिक यौगिक हैं) हो सकता है जिससे बचना चाहिए। mayo clinic के अनुसार जिन सीफूड में मर्करी का लेवल कम और ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा उच्च होती है, उसे प्रेगनेंट महिला खा सकती है।
दूध से बनी चीजें
Mayo clinic के अनुसार गर्भवती महिला को अपॉश्चरीकृत दूध उत्पाद भी नहीं लेने चाहिए। कई कम वसा वाले डेयरी उत्पाद – जैसे मलाई निकाला हुआ दूध, मोजरेला चीज और पनीर – आपके आहार का एक स्वस्थ हिस्सा हो सकते हैं। हालांकि, बिना पाश्चरीकृत दूध वाली कोई भी चीज नहीं लें। इन उत्पादों से खाद्य जनित बीमारी हो सकती है। इसके अलावा कच्चे स्प्राउट्स भी खाने से बचें।
इन चीजों से भी दूर रहें
शराब के सेवन से बचें क्योंकि यह भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है। इस समय अनानास और कच्चा पपीता जैसे फल खाने से बचें, ये कॉन्ट्रैक्शन को प्रेरित करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा पेस्ट्री, केक, पाई, प्रोसेस्ड मीट, पिज्जा, कमर्शियल बर्गर और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें क्योंकि इनमें उच्च मात्रा में संतृप्त वसा हो सकता है। Healthline के मुताबिक अधपके या कच्चे पपीते को नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें लैटेक्स होता है। इससे यूट्राइन कॉन्ट्रैक्शन हो सकती हैं।
शुगर वाले प्रोडक्ट्स
अतिरिक्त चीनी (जैसे कन्फेक्शनरी, एनर्जी ड्रिंक्स, मीठे शीतल पेय) और नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें। कैफीन का सेवन सीमित करें क्योंकि दिन में 200-300mg या 2-3 कप से अधिक कॉफी गर्भपात का कारण बन सकती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, कोलंबस के शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन के अनुसार, यदि महिला और उसका साथी गर्भाधान से पहले के हफ्तों के दौरान एक दिन में दो से अधिक कैफीनयुक्त पेय पीते हैं, तो उनमें गर्भपात की संभावना अधिक होती है।
नोट : अगर आपकी भी कोई प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम या कॉम्प्लिकेशन है जिस पर आप गायनेकोलॉजिस्ट की सलाह या एक्सपर्ट एडवाइस लेना चाहती हैं, तो उसे nbtlifestyle@timesinternet.in पर भेज सकती हैं। आपकी पहचान गुप्त ही रखी जाएगी।