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Parenting Tips : टीनएज बच्‍चो को हैंडल करने का तरीका पैरेंट्स जान लें | Parents Should Know How to Handle Teenage Children

टीनएज बच्‍चो को हैंडल करने का तरीका पैरेंट्स जान लें

पैरेंट्स ही नहीं बल्कि खुद बच्‍चों के लिए भी टीनएज उम्र काफी उलझन भरी होती है। इस समय बच्‍चों को खुद अपने अंदर आ रहे बदलावों को समझने में समय लगता है। वो हर वक्‍त यही सोचते हैं कि किस तरह इन बदलावों को हैंडल करें और अपने पैरेंट्स और भाई-बहनों के साथ तालमेल बिठाएं। हार्मोनल बदलावों और कुछ नई चीजों के संपर्क में आने की वजह से भी बच्‍चे अपने बड़ों के प्रति नेगेटिव रवैया अपना लेते हैं। इस स्थिति में पैरेंट्स को यह समझने में दिक्‍कत आती है कि वो किस तरह अपने टीनएज बच्‍चे के इस एटीट्यूड को हैंडल करें। आइए जानते हैं कि ऐसे में माता-पिता को क्‍या करना चाहिए।

सलाह दें, बोझ नहीं

आप बच्‍चे को सलाह दे सकते हैं कि लेकिन उसके पास इसे अस्‍वीकार करने का अधिकार होना चाहिए। उनके मना करने पर आप निराश ना हों क्‍योंकि अब उनकी भी अपनी पसंद और प्रेफरेंस हैं। ये बिहेवियर एकदम नॉर्मल है। अगर आपको लगता है कि आपका बच्‍चा गलत है, तो आप उसके साथ बैठकर बात करें।

अपनी जिंदगी को समझने दें

शुरुआत में बच्‍चों को अपनी जिंदगी और सोच में आए बदलावों को समझने में दिक्‍कत हो सकती है लेकिन आपकी तरह वो भी इस उम्र को पार कर लेगा। आप खुद से और अपने बच्‍चे से ईमानदार और फ्रेंडली रहें। बच्‍चे के दोस्‍तों के बारे में जानने की कोशिश करें और उनसे नियमित बात करते रहें। इससे आपको अपने बच्‍चे के नेगेटिव बिहेवियर के कारण को समझने में मदद मिल सकती है।

सम्‍मान करें और बदलाव को स्‍वीकारें

आपने बच्‍चे को पूरी आजादी तो दे दी लेकिन अब उसके लिए कुछ स्‍पष्‍ट नियम भी तय करें। रात को देर तक बाहर रूकने का कोई समय तय करें। उसे बताएं कि एक तय उम्र से पहले वो एल्‍कोहल नहीं पी सकता है। आप भी इस उम्र से गुजर चुके हैं इसलिए उसे भी अपनी टीनएज लाइफ को एंजॉय करने दें लेकिन सही-गलत के बीच सलाह देते रहें।

इग्‍नोर ना करें

बच्‍चों के साथ बहस करना शुरू ना करें क्‍योंकि इससे वो और ज्‍यादा जिद्दी हो सकते हैं। बच्‍चे को बताएं कि इस तरह का बिहेवियर बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। अपने ने‍गेटिव बिहेवियर को ठीक करने के लिए उसे थोड़ा समय दें, धैर्य रखें और इंतजार करें। इस दौरान आप उनसे बात करना बंद ना करें और ना ही उन्‍हें इग्‍नोर करें। नॉर्मल रहते हुए भी उन्‍हें याद दिलाते रहें कि उनके बिहेवियर की वजह से आपको कितनी तकलीफ हुई है।

शांति से हैंडल करें

बच्‍चों को लेक्‍चर देने की बजाय उन्‍हें ये बताएं कि आप उनके इस तरह के व्‍यवहार को बर्दाश्‍त नहीं करेंगे। हो सकता है कि जब उन्‍हें पता चले कि आपको उनका व्‍यवहार पसंद नहीं है, तो वो उसे बदलने की कोशिश करें। अगर बच्‍चा तब भी नहीं सुधरता है, तो आप इस बारे में अपने पार्टनर से बात कर के कोई जरूरी कदम उठा सकते हैं। बच्‍चों से बात करते समय शांत रहना और अपनी टोन को नीचा रखना बहुत जरूरी है वरना बच्‍चे विद्रोह पर उतर सकते हैं।

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