Hindi Kahaniya
सुमन – मैं आ गयी हूँ आपकी देख भाल करने। अब आप बहुत जल्दी ठीक हो जायेंगी।
सुमन सच्चे मन से उस अम्मा की देखभाल में लग जाती है। दिनरात उनकी सेवा करती है। सुमन रोज कुटिया की सफाई करती है झाड़ू लगाती है पशु पक्षी को खाना खिलाती है और बहुत ही अच्छे से अम्मा का ख्याल रखती है वहीं दूसरे तरफ सोनिया के बुराई के गुफा के अन्दर जाते ही उसे बहुत ही अजीब और डरावनी दुनिया नजर आती है। उसे बहुत ही डरावनी आवाजे सुनाई देती है। सोनिया खजाने की लालच में आगे बढ़ती रहती है। सुबह से शाम हो जाती है। सोनिया का बहुत भूख भी लग रही होती है।
सोनिया – उस परी ने कहा था कि यहाँ खजाना है पर मुझे दूर दूर तक तो कोई खजाना नजर नहीं आ रही और भूख से मेरी जान जा रही है।
फिर थोड़ी और आगे चलने पर सोनिया को कुछ चमकती हुई चीज दिखाई देती है।
सोनिया – अरे वाह मिल गया खजाना मैं जल्दी से उस खजाने के पास जाती हूँ और सारा खजाना ले लेती हूँ फिर मैं और अमीर बन जाऊँगी हा…हा…हा…
ये सोचकर सोनिया खजाना लेने आगे बढ़ती है उसे वहाँ ढ़ेर सारा खजाना नजर आता है।
सोनिया – अरे वाह इतना सारा खजाना। सुमन तो पागल है जो अच्छाई के गुफा में चली गयी। अगर वो मेरे साथ बुराई के इस गुफा में आती तो उसे भी उसे इतना सारा खजाना मिलता। पर कोई बात नहीं अब ये सारा खजाना अकेले मेरा है हा..हा..हा..
ये सोचकर सोनिया जैसे ही खजाने को हाथ लगाती है वो खजाना गायब हो जाता है।
सोनिया – अरे ये क्या ये खजाना मेरे हाथ में क्यों नहीं आ रहा। इसीप्रकार सोनिया जैसे ही खजाने को लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाती खजाना गायब हो जाता और अगर हाथ पीछे करती तो खजाना वापस आ जाता।
सोनिया – अरे ये क्या हो रहा है मेरे साथ। तभी उसके सामने एक नागिन प्रकट होती है।
नागिन – ही…ही…ही.. लालची लड़की अब तेरा लालच ही तुझे ले डुबेगा। अब तू यहाँ से जिन्दा बचकर नहीं जायेगी। और मेरा भोजन बनने के लिए तैयार हो जा। मैं कई सालों से भुखी हूँ और आज जी भर कर तुझे खाऊँगी हा…हा…हा…
सोनिया – नहीं मुझे छोड़ तो मुझे जाने दो मुझे कोई खजाना नहीं चाहिए, कृपया मुझे छोड़ दो
नागिन – हा…हा….हा….
परन्तु नागिन सोनिया को वहीं डँस लेती है और सोनिया चूहे मे बदल जाती है
नागिन – जो भी बुराई के गुफा में आयेगा उसका यही हाल होगा हा…हा…हा…हा…
दूसरे तरफ सुमन सच्चे दिल से उस अम्मा की देखभाल में लगी हुई थी
सुमन – अम्मा ये काड़ा पी लो इससे आप बहुत जल्दी ठीक हो जायेंगी।
अम्मा – बेटी तुम बहुत ही अच्छी और नेक लड़की है
इतना बोलकर वो बुढ़ी अम्मा एक परी में बदल जाती है।
परी – सुमन मैं तुम्हारी परीक्षा ले रही थीं। और तुम उस परीक्षा में खड़ी उतरी हो और मैं तुम्हारे श्रद्दा भाव से बहुत प्रसन्न हुई और इसलिए मैं तुम्हें कुछ देना चाहती हूँ
फिर परी सुमन को बहुत सारा खजाना देती है। सुमन परी का धन्यवाद देकर वो खजाना लेकर उस गुफा से बाहर आ जाती है गुफा से बाहर आने पर उसे पता चला कि उसकी सहेली सोनिया को नागिन ने डंस लिया है। और वो वही गुफा के अन्दर चूहा बन गई है इस बात का सुमन को बहुत अफसोस होता है।
सुमन – काश सोनिया तुम्हें मेरे साथ अच्छाई के रास्ते पर चली होती, तो तुम आज मेरे साथ होती ।
तभी वहाँ सोनिया चूहे के रूप में आती है और कहती है।
सोनिया – सुमन तुम बिल्कुल सही कह रही हो। खजाने की लालच ने मुझे अन्धा कर दिया था। जिस कारण मैं बुराई के गुफा में जाने के लिए मैं मजबूर हो गयी। परन्तु तुमने लालच नहीं किया और अच्छाई का मार्ग सुना। जिस कारण तुम्हें खजाना लेने की इच्छा ना होने पर भी तुम्हें इतना सारा खजाना मिला। काश मैं भी तुम्हारे साथ अच्छाई के गुफा में गयी होती। पर अफसोस मेरे लालच ने ही मुझे ले डुबा।
इतना कहते ही परी वहां पर आती है और सुमन से कहती है