हैप्पी चॉकलेट डे 2023 | Happy Chocolate Day 2023 of Lovers

आज पूरा विश्व चॉकलेट डे मना रहा है ! क्या प्रेमी जोड़े जो एक दूसरे को चॉकलेट देना चाहतें हैं वो जानते हैं कि चॉकलेट पहली बार कब बनी, कैसी बनी, और कहां बनी?

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चॉकलेट का इतिहास

चॉकलेट कोको बीजों से बना एक कच्चा या संसाधित भोज्य पदार्थ है। कोको के बीजों का स्वाद बहुत ही  कड़वा होता है। इसमें स्वाद उत्पन्न करने के लिए इसको पीसना और भूनना पड़ता है। चॉकलेट पिसे और भूने हुए कोको पॉड्स से बना एक खाद्य उत्पाद है, जो कि तरल, ठोस या पेस्ट के रूप में अन्य खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाने वाले उत्पाद के रूप में उपलब्ध रहता है। चाॅकलेट का इतिहास कम से कम ओल्मेक सभ्यता (19वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के बाद से माना जा सकता है क्योंकि ओल्मेक सभ्यता के लोग कोको का किसी न किसी रूप में सेवन करते थे, और इसी के साथ मेसोअमेरिकन लोगों ने अधिकांश-माया और एज़्टेक ने चॉकलेट पेय बनाया। 

‘चॉकलेट’ शब्‍द के बारे में बहुत सी जानकारी हैं। कुछ लोगों के अनुसार यह शब्‍द मूलत: स्पैनिश भाषा का है।तथ्‍य बताते हैं कि चॉकलेट शब्‍द माया और एजटेक सभ्‍यताओं की पैदाइश है जो मध्‍य अमेरि‍का से संबंध रखती है। एजटेक की भाषा नेहुटल में चॉकलेट शब्‍द का अर्थ होता है खट्टा या कड़वा ।

चाँकलेट बनाने की मुख्य सामग्री केको या कोको के पेड़ की खोज है  2000 वर्ष पूर्व अमेरि‍का के वर्षा वनों में इन कोको के पेड़ो को बोने की शुरुआत की गई थी। इस पेड़ की फलि‍यों में जो बीज होते थे उनसे चॉकलेट बनाई जाती है। संभवतः सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लोग मैक्‍सि‍को और मध्‍य अमेरि‍का के थे।

1528 में स्‍पेन ने जब मैक्सिको पर कब्ज़ा कि‍या तो वहाँ का राजा भारी मात्रा में कोको के बीजों और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ स्‍पेन ले गया था। जल्‍दी ही स्‍पेन में चॉकलेट अमीरों का फैशनेबल ड्रिंक बन गया।

इटली के एक यात्री फ्रेंसि‍स्‍को कारलेटी ने सबसे पहले चॉकलेट पर स्‍पेन के एकाधि‍कार को खत्‍म कि‍या. उसने मध्‍य अमेरि‍का के इंडि‍यंस को चॉकलेट बनाते देखा और अपने देश इटली में भी चॉकलेट का प्रचार प्रसार कि‍या. 1606 तक इटली में भी चॉकलेट प्रसि‍द्ध हो गई थी।

यही नहीं फ्रांस ने 1615 में ड्रिंकिंग चॉकलेट का स्‍वाद चखा और फ्रांस के लोगों को यह स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से भी बहुत फायदेमंद पदार्थ लगा। इंग्‍लैंड में चॉकलेट थोड़ा देरी से 1650 में पहुॅंची।

मगर अभी तक भी लोग चॉकलेट को पीते ही थे। एक अंग्रेज डॉक्‍टर सर हैंस स्‍लोने ने दक्षि‍ण अमेरि‍का का दौरा कि‍या और खाने वाली चॉकलेट की रेसि‍पी तैयार की। बताइए डॉक्‍टर और चॉकलेट की रेसि‍पी है ना आश्चर्य जनक? कैडबरी मि‍ल्‍क चॉकलेट की रेसि‍पी इन्‍हीं डॉक्‍टर ने बनाई थी।

आपको जानकार हैरानी होगी की शूरूआती दौर में चॉकलेट तीखी हुआ करती थी और पी जाती थी। अमेरि‍का के लोग कोको बीजों को पीसकर उसमें भि‍न्‍न प्रकार के मसाले जैसे चि‍ली वॉटर, वनीला, आदि डालकर एक स्‍पाइसी और झागदार तीखा पेय पदार्थ बनाते थे।

चॉकलेट को मीठा बनाने का श्रेय यूरोप को जाता है जि‍सने चॉकलेट में से मि‍र्च और मसाले  हटाकर दूध और शक्‍कर डाली, चॉकलेट को पीने की चीज से खाने की चीज भी यूरोप ने ही बनाया।

चाॅकलेट के प्रकार

कई प्रकार के चॉकलेट मार्केट मे उपलब्ध हैं । शुद्ध, बिना मिठास वाली चॉकलेट, जिसे अक्सर “बेकिंग चॉकलेट” कहा जाता है, इसमें भिन्न-भिन्न अनुपात में मुख्य रूप से ठोस कोको और कोको मक्खन होता है। आज उपभोग की जाने वाली ज्यादातर चॉकलेट मीठी चॉकलेट के रूप में होती है, जिसमें चॉकलेट को चीनी के साथ मिलाकर बनाया जाता है।

मिल्क चॉकलेट 

मिल्क चॉकलेट मीठी चॉकलेट होती है जिसमें दूध का पाउडर या संघनित दूध भी होता है। यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में, मिल्क चॉकलेट में कम से कम 20 प्रतिशत सूखा ठोस कोको होना चाहिए,बाकि यूरोपीय संघ में इसकी, मात्रा न्यूनतम 25 प्रतिशत तक होती है। 

व्हाइट चॉकलेट 

व्हाइट चॉकलेट, बनावट में मिल्क और डार्क चॉकलेट के समान है, इसमें कोई भी ठोस कोको नहीं होता जो इसे एक गहरा रंग प्रदान करता है।

डार्क चॉकलेट 

कोको को वसा और चीनी में मिलाकर डार्क चॉकलेट बनाई जाती है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन इसे “स्वीट चॉकलेट” भी कहता है,  इस चॉकलेट को 25% एकाग्रता की आवश्यकता होती है। यूरोपीय नियम कम से कम 35% ठोस कोको निर्दिष्ट करते हैं।

अनस्वीटेंड

अनस्वीटेंड चॉकलेट शुद्ध चॉकलेट लिकर है, जिसे कड़वी वा या बेकिंग चॉकलेट भी कहा जाता है। यह बिना मिलावट वाली चॉकलेट है: शुद्ध, पिसी हुई, भुनी हुई चॉकलेट,बीन्स चाॅकलेट को एक मजबूत, गहरा स्वाद प्रदान करती हैं।

उद्योग

चॉकलेट, जो दुनिया भर में प्रचलित है, दुनिया भर में प्रति वर्ष पचास अरब अमेरिकी डॉलर का लगातार बढ़ता हुआ कारोबार है। दुनिया के चॉकलेट राजस्व में यूरोप का योगदान 45 प्रतिशत है, और 2023 में अमेरिका ने 20 अरब डॉलर इसके मार्केट में खर्च किए। 

चॉकलेट को विभिन्न प्रकार से चॉकलेट गिफ्ट बॉक्स, रिच चॉकलेट, ब्रांडेड चॉकलेट आदि की पेशकश करने वाले ऑनलाइन रिटेलर्स और मार्केटप्लेस के माध्यम से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।

एशिया के अधिकांश अन्य हिस्सों की तरह, चॉकलेट पहली, दूसरी या पचासवीं चीज नहीं है जिसे आप भारत के साथ जोड़ेंगे। लेकिन चॉकलेट सार्वभौमिक है; यह दुनिया भर के बाजारों में फैल गया है, और भारत कोई अपवाद नहीं है। वास्तव में, लगभग 1.4 बिलियन लोगों के साथ, भारतीय चॉकलेट बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक है। फिर भी भारत में चॉकलेट की कहानी सरल नहीं है, उपभोक्ताओं के स्वाद, वितरण चैनल और उत्पादकों के लिए उपलब्ध सामग्री में काफी भिन्नता है। 

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