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चुड़ैल और परी की कहानी | Chudail or Pari Hindi Story

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चुड़ैल और परी

एक गाँव में रानी नाम की एक बच्ची रहती थी। उसे कहानी सुनने का बहुत शौक था। वह या तो चुड़ैल की कहानी सुनती थी या परी की। एक दिन की बात है वह अपनी माँ से जिद्द करती है और कहती है…..

रानी: माँ मुझे आज चुड़ैल और परी दोनों की कहानी सुनना है।

माँ: लेकिन बेटा दोनों की कहानी एक साथ कैसे?

रानी: मुझे नहीं पता माँ बस आज आप मुझे दोनों की कहानी सुनाओगे।

रानी जिद्द पर आ जाती है। तो माँ भी हामी भर देती है। अब रात हो जाती है रानी अपनी माँ को कहती है माँ मुझे वो पास वाले महल में जो चुड़ैल और परी थी उसकी कहानी सुनना है।

माँ: तुमको उसके बारे में कैसे पता?

रानी: माँ मेरी सहेली ने मुझे बताया था।

माँ: मैं तुमको वो कहानी नहीं सुना सकती।

रानी: लेकिन क्यों माँ?

माँ: अगर मैंने तुमको वो कहानी सुनाई तो चुड़ैल और परी दोनों ही यहाँ आ जाएँगी। इसलिए मैं वो कहानी नहीं सुना सकती।

रानी: ऐसे कैसे दोनों एक साथ साथ में आ जाएंगीं? वो दोनों तो अलग हैं ना माँ?

माँ: अलग होने के बाद भी वो दोनों साथ आ जाएँगी.

रानी: आप मुझे कहानी नहीं सुनना चाहती इसलिए आप बहाने बना रही हो आप मेरी कोई बात नहीं मानती माँ.

माँ: नहीं रानी बेटा ऐसा कुछ भी नहीं है. तुम समझ नहीं रही  हो अगर  वो दोनों एक साथ यहाँ आ गई तो वो वापस नहीं जाएँगी.

रानी: ऐसा क्यों माँ अगर वो आएँगी तो वापस भी जाना होगा न माँ उनको.

माँ: रानी में एक बार कहा न तुम एक बार में समझ जाया करो.

रानी जिद्द करती है लेकिन माँ नहीं मानती और रानी को डांट कर सुला देती हैं। दूसरे दिन रानी अपनी सहेली मुनमुन को कहती है मुनमुन मेरी माँ ने मुझे वो चुड़ैल और परी वाली कहानी नहीं सुनाई। तो मुनमुन रानी से कहती है….

मुनमुन: कोई बात नहीं मैं सुना दूंगी।

रानी: लेकिन मेरी माँ ने कहा है अगर उनकी कहानी कोई भी सुनाता है तो वो दोनों उसके सामने आ जाती हैं।

मुनमुन: हाँ। सही कह रही थीं तुम्हारी माँ।

रानी: फिर तो वो हमें नुकसान पहुंचा सकती हैं।

मुनमुन: नहीं। वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती। मैंने उन्हें देखा है। वो तो मुझे बहुत सारी चीज़ें देती है जैसे खिलोने, नए कपडे और जो भी मैं मांगू।

रानी: तुम सच कह रही हो?

मुनमुन: हाँ रानी।

रानी: फिर माँ ने ऐसा क्यों कहा?

मुनमुन: क्योंकि पहले ऐसा ही था वो दोनों बहुत बुरे थे लेकिन अब ऐसा नहीं और वो दोनों ही बहुत अच्छी हैं.

रानी: क्या तुम सच कह रही हो मुनमुन.

मुनमुन: हाँ रानी चलो अब मैं तुमको कहानी सुनाती हूँ.

और मुनमुन रानी को उनकी कहानी सुनना शुरू करती है और कहानी खत्म होते ही चुड़ैल और परी दोनों उनके सामने आ जाती है। रानी दोनों को देख कर डर जाती है। चुड़ैल के बड़े-बड़े दांत देखकर तो रानी उसके पास भी नहीं जाती लेकिन रानी को परी बहुत अच्छी लगती है। रानी हमेशा परी के पास जाती है। चुड़ैल को रानी की इस बात से बहुत दुःख होता है चुड़ैल रानी को प्यार करती है लेकिन वह उसके पास नहीं आती। एक दिन चुड़ैल रानी को कहती है….

चुड़ैल: मैं तुमसे इतना प्यार करती हूँ लेकिन तुम मेरा पास क्यों नहीं आती।

रानी: मुझे आपसे डर लगता है।

अब चुड़ैल रानी को कुछ नहीं बोलती। परी भी रानी को समझाती है की चुड़ैल बहुत अच्छी है लेकिन रानी नहीं मानती। एक दिन रानी के घर में आग लग जाती है। और उस समय परी रानी के पास नहीं होती और लेकिन चुड़ैल वहाँ होती है। चुड़ैल रानी के घर की आग बुझाती है। तब रानी को अपनी गलती का अहसास होता है वह चुड़ैल को कहती है….

रानी: आप बहुत अच्छी हो लेकिन मुझे ही आपसे डर लगता था। अब मुझे आपसे डर नहीं लगता।

चुड़ैल को रानी की बात सुनकर अच्छा लगता है। अब चुड़ैल और परी दोनों रानी और मुनिया के पास आते हैं और कहते हैं….

चुड़ैल और परी: बेटा हम ज्यादा समय तुम लोगों के साथ नहीं रह सकते हैं। हमें महल वापस जाना होगा लेकिन तुम लोगों को जब भी हमारी जरुरत हो हमें बुला सकते हो।

रानी: मैं सबको बताउंगी कि आप दोनों बहुत अच्छी हो.

चुडैल: अच्छा ये तो बहुत अच्छी बात है लेकिन तुम्हारी बात सब सुनेंगे क्या?

रानी: हाँ सबको सुनना पड़ेगा.

परी: इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है?

गाँव में चुड़ैल और परी को सब बुरा समझते हैं। लेकिन रानी और मुनमुन उन दोनों के बारे में गाँव वालों को बताते हैं तो गाँव वालों की आंखें खुल जाती है और चुड़ैल और परी को लोग बुरा कहना बंद कर देते हैं।

मोरल ऑफ़ द स्टोरी:

कही सुनी बातों पर यकीं नहीं करना चाहिये जब तक सच्चाई पता न हो. जैसे चुड़ैल और परी दोनों अच्छी थी लेकिन लोग उन्हें बुरा समझते थे.

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