मिर्ज़ा ग़ालिब के टॉप शेर
मिर्ज़ा ग़ालिब के टॉप शेर शेर नबंधे तिश्नगी-ए-ज़ौक़ केमज़मूँ ‘ग़ालिब’ गरचेदिल खोल के दरिया कोभी साहिल बाँधा मिर्ज़ाग़ालिब शेर मुज़्महिलहो गए क़वा ग़ालिब वोअनासिर में ए’तिदाल कहाँ मिर्ज़ाग़ालिब शेर ‘ग़ालिब’ अपना ये अक़ीदा हैब-क़ौल-ए-‘नासिख़’ आपबे-बहरा है जो मो’तक़िद-ए-‘मीर’ नहीं मिर्ज़ाग़ालिब शेर सादिक़हूँ अपने क़ौल का ‘ग़ालिब’ ख़ुदा गवाह कहताहूँ सच कि झूटकी आदत नहीं मुझे … Read more