CAG की रिपोर्ट में बड़ा दावा, देश के टॉप-100 में नहीं है UP की एक भी स्टेट यूनिवर्सिटी – UP Not a Single State University Top-100 in Country Cag Report

उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां कई राज्य विवि, इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य इंस्टीट्यूट हैं। लेकिन राज्य का कोई भी स्टेट विवि भारत के टॉप-100 विश्वविद्यालयों में शामिल नहीं है। इसका दावा सीएजी की एक रिपोर्ट में किया गया है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की तरफ से सदन में हाल में एक रिपोर्ट पेश की गई थी। जिसमें कहा गया है कि राज्य का कोई भी स्टेट विवि और कॉलेज टॉप-100 में नहीं शामिल हैं।

लखनऊ और वाराणसी के इस विवि की सबसे खराब हालत
रिपोर्ट में लखनऊ विश्वविद्यालय और बनारस की महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को सबसे बदहाल बताया गया है। आपको बता दें कि दोनों ही यूनिवर्सिटीज से हर वर्ष करीब 60000 स्टूडेंट्स पढ़ाई करके निकलते हैं। लेकिन रोजगार पाने लायक सिर्फ एक ही हजार होते हैं। सबसे बड़ी बात इन दोनों संस्थानों को यह भी नहीं पता है कि यहां से पास आउट होने के बाद छात्र क्या कर रहे हैं।स्कॉलरशिप का लाभ उठाने में सबसे आगे
पढ़ाई के मामले में यहां के छात्रों का हाल सबसे खराब है। लेकिन स्कॉलरशिप के मामले में ये सबसे आगे हैं। दोनों ही विश्वविद्यालयों में करीब 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप का लाभ उठा रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन विश्वविद्यालयों के छात्रों में स्किल की कमी है। यही वजह है कि इन्हें रोजगार ज्यादा नहीं मिल पा रहा है।

कैग की रिपोर्ट में दिए गए हैं 12 सुझाव
उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कैग ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। साथ ही कैग की रिपोर्ट में 12 बिंदुओ पर सुझाव भी दिए गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उच्च शिक्षा में एनरोलमेंट 25.30 प्रतिशत पहुंच गया है, जो कि राष्ट्रीय स्तर से 27.10 बहुत कम है। साथ ही रिपोर्ट में उच्च शिक्षा में छात्र और शिक्षक के अनुपात को भी बताया गया है। जिसके मुताबिक राज्य में 150 शिक्षकों पर 1 शिक्षक हैं। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 20:1 है।

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