क्या नौकरी छोड़ने के बाद PF का पैसा निकाल लेना चाहिए?
2020 में जबसे कोरोना का संकट दुनिया पर गहराया है तब से ऐसे लोग जो छंटनी या सैलरी कट झेल रहे है वह कर्मचारी पीएफ का पूरा पैसा निकालने पर भी विचार कर रहे हैं।
वैसे निजी क्षेत्र के कर्मचारी जॉब छूट जाने पर या जॉब बदलने पर भी अपना पीएफ का पूरा पैसा निकाल लेते हैं। वैसे ऐसा करना गलत नहीं है पर अगर पूरा पैसा निकालने की जगह एक बार पुनर्विचार कर ये अवलोकन करे कि पैसा निकाल लेना ठीक है या नहीं तो शायद उनके लिए ज्यादा बेहतर निर्णय साबित हो सकता है।
एक्सपर्टस की माने तो नौकरी बदलने के साथ पूर्व कंपनी के पीएफ का पूरा पैसा निकाल लेना आपको फायदा कम नुकसान ज्यादा पंहुचा सकता है।
आइये जानते है की इसके क्या नुकसान हो सकते है:
1. भविष्य के लिए की जा रही बचत खत्म हो जाती हैं
2. पेंशन योजना की निरंतरता खत्म हो जाती है, और ब्याज का नुकसान होता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपको पैसे की जरूरत नहीं है तो पीएफ को निकालना उचित निर्णय नहीं है। एक नौकरी छोड़ने के बाद दूसरी नौकरी करने पर पुरानी कंपनी की पूरी पीएफ राशि को नई में स्थानांतरित करा सकते है ऐसे में इसे पीएफ की निरंतरता ही माना जाएगा।
यहाँ एक बात और ध्यान दिला दे कि यदि आप रिटायरमेंट के बाद भी पीएफ का पैसा नहीं निकालते हैं तो भी तीन साल तक आपको ब्याज मिलता है और तीन साल के बाद ही इसे निष्क्रिय खाता माना जायेगा। दोस्तों पीएफ की राशि भविष्य की सुरक्षित निधि के तौर पर इकट्ठा की जाती है और यह कर मुक्त भी होती है।
वैसे यदि आपको पैसो की सख्त जरुरत है तो पीएफ का पैसा निकाल सकते है परन्तु इसके कुछ नियम है।
पीएफ निकालने के नियम:
– केवाईसी का होना जरूरी है।
– यदि कोई व्यक्ति 2 माह तक बेरोजगार रहता है तो पीएफ का पूरा पैसा निकाल सकता है, जबकि नौकरी छोड़ने के एक माह के बाद 75 फीसदी पैसा निकाला जा सकता है।
– यदि सेवाकाल दस साल से कम का है तो पेंशन का भी पूरा पैसा निकाला जा सकता है।
वैसे सामान्य स्थिति में पीएफ का पूरा पैसा 58 साल की उम्र होने के बाद सेवानिवृत्ति पर ही निकाला जा सकता है।